केंद्रीय मंत्रीमंडल में जल्द ही बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि बड़े मंत्रालयों को लेकर शायद ही कोई बदलाव हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस फेरबदल के दौरान क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को बरकरार रखेंगे। मंत्रीमंडल में फेरबदल की बातें गुरुवार को उस समय और तेज हो गई जब भाजपा सूत्रों ने बताया कि अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की जल्द मुलाकात हो सकती है। भागवत इस समय दिल्ली आए हुए हैं।
इस बारे में भाजपा ने आधिकारिक रूप से इस बारे में बयान देने से इनकार कर दिया। पार्टी सचिव ने बताया, ”पार्टी अध्यक्ष और सरसंघचालक मिलते रहते हैं। इसलिए हम नहीं बता सकते कि मीटिंग का एजेंडा क्या होगा।” भाजपा सूत्रों के अनुसार अहम मंत्रालयों में पीएम शायद ही बदलाव करें। केंद्रीय केमिकल और खाद राज्य मंद्धी निहालचंद को हटाकर अर्जुनराम मेघवाल को मंत्री बनाया जा सकता है। दोनों सांसद राजस्थान से आते हैं।
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अन्य नामों में जबलपुर सांसद राकेश सिंह और मंगलदोई(असम) सांसद रमन देका का नाम चल रहा है। भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को भी मंत्रीमंडल में जगह दी जा सकती है। सहस्त्रबुद्धे हाल ही में महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद चुने गए हैं। उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले कृषि राज्य मंत्री संजीव बालयान का दर्जा बढ़ाया जा सकता है। उन्हें स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि अपना दल से सांसद अनुप्रिया पटेल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। उनके जरिए भाजपा का गैर यादव ओबीसी वोटों को साथ लाने का मकसद है।
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खेल मंत्रालय संभालने वाले सर्वानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री बन चुके हैं, इसके कारण यह मंत्रालय भी खाली है। पंजाब से सांसद विजय सांपला के पास सामाजिक न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री का प्रभार है। उन्हें पंजाब भाजपा अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें भी मंत्री पद से मुक्त किया जा सकता है। अल्पसंख्यक मामलाम मंत्री नजमा हेपतुल्ला को भी मंत्रीमंडल से बाहर किया जा सकता है।
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