केन्द्रीय मंत्रिमंडल में होने जा रहे विस्तार में जिन नए चहेरों को शामिल किए जाने की संभावना है, उनमें से एक नाम है उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला का। शुक्ला ग्रामीण विकास के लिए संसद की स्थाई समिति के सदस्य हैं। वह उत्तरप्रदेश विधानसभा की सदस्यता के लिए लगातार चार बार 1989,1991,1993 और 1996 में चुने गए। शिव प्रसाद उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में आठ वर्ष मंत्री रहे और उन्हें अपने कार्यकाल में ग्रामीण विकास , शिक्षा तथा जेल सुधार की दिशा में किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। शुक्ला को योगी आदित्य नाथ का धुर विरोधी बताया जाता है।
एक अप्रैल 1952 को उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर के खजनी में जन्में शुक्ला के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता के तौर पर हुई थी। इसके बाद 1981 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रांतीय सचिव चुने गए। छात्र आंदोलन में उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।
आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था। 26 जून 1975 से 1977 तक वह 19 महीने जेल में रहे। गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी करने वाले शिव प्रताप के परिवार में पत्नी और तीन पुत्रियां हैं।
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