प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू रसोई गैस की बिक्री पर हुए घाटे के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों (IOCL, BPCL और HPCL) को 30,000 करोड़ रुपये के मुआवजे को मंजूरी दे दी है। तेल कंपनियों के बीच मुआवजे का वितरण पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। यह मुआवजा बारह किस्तों में दिया जाएगा।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां जैसे आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल, उपभोक्ताओं को घरेलू एलपीजी सिलेंडर रेगुलेटेड रेट पर उपलब्ध कराती हैं। 2024-25 के दौरान एलपीजी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें उच्च स्तर पर रहीं और आगे भी ऊंची बनी रहेंगी। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए, बढ़ी हुई लागत का भार घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया, जिससे तीनों तेल कंपनियों को भारी नुकसान हुआ।

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को दिया मुआवजा

घाटे के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने देश में किफायती दामों पर घरेलू रसोई गैस की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है। सरकार ने कहा, “इस मुआवज़े से तेल कंपनियां कच्चे तेल और रसोई गैस की खरीद, कर्ज चुकाने और अपने पूंजीगत व्यय को बनाए रखने जैसी अपनी महत्वपूर्ण ज़रूरतों को पूरा कर पाएंगी जिससे देश भर के घरों में रसोई गैस सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।”

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तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बनाए रखने की सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार ने आगे कहा कि यह कदम वैश्विक ऊर्जा बाजारों में उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं की रक्षा करने और इन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बनाए रखने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। इसमें आगे कहा गया है, “यह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत आने वाले घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं सहित सभी उपभोक्ताओं को स्वच्छ रसोई ईंधन की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य की भी पुष्टि करता है।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स