बुलंदशहर गैंगरेप मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों ने पहले से ही वारदात का खाका खींच रखा था। एक महिला और उसकी 14 वर्षीय बेटी से गैंगरेप के आरोपियों से पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है। आरोपियों ने घटनास्थल की रेकी पहले ही कर ली थी। मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडेय के मुताबिक, आरोपियों ने मेरठ जिले को अपना ‘बेस’ बनाया। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने एक स्थानीय नागरिक, रईसुद्दीन से भी मदद मांगी थी। रईसुद्दीन को दो अन्य आरोपियों- सबीर और जब्बार सिंह के साथ वाइर स्टेशन से 31 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। 7 आरोपियों में से तीन- बावरिया गैंग का सरगना और गैंगरेप का मास्टरमाइंड सलीम और जुबैर तथा साजिद को सोमवार (9 अगस्त) शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, छह पीड़ितों में दो ने सलीम, जुबैर और साजिद को पहचान लिया है। फिलहाल पुलिस साथी नाम के सातवें आरोपी की तलाश कर रही है। सलीम और उसके साथियों को पुलिस ने आरोपियों के फोन कॉल्स को इंटरसेप्ट कर और स्थानीय मुखबिरों की मदद से ढूंढ निकाला था। आईजी के अनुसार आरोपियों के बीच हुई एक बातचीत में, एक आरोपी दूसरे को भाग जाने के लिए कह रहा था। आईजी ने मीडियाकर्मियों को बताया, ”वारदात के दिन, उन्होंने शराब खरीदी। वे भूर (बुलंदशहर) में शराब की दुकान पर थे। उनका दावा है कि उन्होंने एक सुनसान जगह पर शराब पी। उन्होंने कहा कि वे उस जगह से रात करीब 11.30 बजे निकले और… वारदात की जगह पहुंचे… वारदात सुबह 1.15 बजे हुई।”
