राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगहों पर हिंसा की घटना सामने आई। ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ लोगों ने लाल किले पर धार्मिक झंडा भी फहराया था जिसके बाद यह रैली विवादों के घेरे में है। इसी बीच न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने कल के प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। इन तसवीरों में देखा जा सकता है कि लाल किला परिसर में प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ मचाई थी।

तसवीरों में सीसीटीवी कैमरा टूटा हुआ है। किले के अंदर का सामान ज़मीन पर बिखरा हुआ है और कांच के टुकड़े भी ज़मीन पर पड़े हुए दिख रहे हैं। इस घटना की केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने निंदा की है। पटेल ने झंडा फहराने के किसानों इस कदम की निंदा की और कहा कि इससे भारतीय लोकतंत्र की मर्यादा के प्रतीक का अपमान हुआ है।

पटेल ने ट्वीट कर लिखा “लालकिला हमारे लोकतंत्र की मर्यादा का प्रतीक है, आन्दोलनकारियों को लालकिले से दूर रहना चाहिए था। इसकी मर्यादा का उल्लंघन किये जाने की मैं निंदा करता हूँ। यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंचे और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश की। इसपर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।”

वहीं बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कल लाल किला पर हुए उपद्रव को लेकर कहा कि जो लोग इसमें शामिल थे उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए और सख्त सज़ा मिलनी चाहिए।

बीजेपी नेता ने कहा “किसान संगठन बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि अनुशासन रहेगा कि हम जश्न में शामिल हो रहे हैं। यह जश्न था या गणतंत्र दिवस के दिन भारत पर हमला था? इन्होंने लाल किले को अपवित्र किया है। इस सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उकसाने का काम तो किसान संगठन के नेताओं ने किया। किसान संगठन का हर नेता सिर्फ भड़काने में लगा हुआ था। अब जब ये घटना घट गई तब वे तरह-तरह का ज्ञान दे रहे हैं।”