भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार (11 जून, 2023) को अपने संसदीय क्षेत्र कैसरगंज में बड़ी रैली की और अपनी ताकत का भी प्रदर्शन किया। उन्होंने मंच पर महिला पहलवानों के आरोपों पर तो सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों में कई बातें बोल दीं। इस बीच बृजभूषण को अपने समर्थकों का भी काफी सपोर्ट मिल रहा है। समर्थकों ने महिला पहलवानों के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है और दावा किया कि सांसद इस तरह की हरकत कर ही नहीं सकते हैं।
यूपी तक ने बृजभूषण शरण सिंह के इलाके के लोगों से बात की। इस दौरान एक महिला समर्थक ने कहा, “जब सामज में चलते हैं और कोई लड़का हमें छेड़ दे, तो क्या हम उसको छोड़ देंगे? पलट कर वार करेंगे। जूते-चप्पल से वार करेंगे। ये तो महिला पहलवान हैं इनको तो इतनी ट्रेनिंग दी जाती है, तो इन्होंने कैसे छोड़ दिया? अगर सांसद जी ने गलत आपके साथ किया था तो आपको तुरंत निर्णय लेना चाहिए था। 2-4 साल बाद यह निर्णय नहीं लेना चाहिए था। उन्होंने पहली ये गलती की है।” उन्होंने आगे सवाल किया, “क्या महिला पहलवान से हम बेकार हैं या बुरे हैं? क्या हमें आधी रात बुला नहीं सकते? हमारे पास तो कोई पावर नहीं है। हम उनके ऊपर कुछ भी खिलाफत नहीं कर सकते, तो क्या हमें आधी रात को नहीं बुला सकते हैं?”
वहां, मौजूद एक और समर्थक ने आरोप लगाया कि महिला पहलवान धरना दे नहीं रही हैं, उनसे धरना दिलवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां उनको फंडिंग कर रही हैं। समर्थक ने यह भी कहा कि सांसद जी अगर महिला प्रेमी होते या यौन शोषण करते तो पहले महिला पहलवानों की शक्ल देखिए… एक-एक सुंदरियां पड़ी हैं। सांसद जी को क्या किसी की कमी है।
समर्थकों ने कहा कि उन्होंने कभी हमारे साथ यौन शोषण नहीं किया, पूरे गोंडा जिले में उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में कोई उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं कह सकता, तो वह कैसे कह रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे तो महिला पहलवान हैं उनमें इतनी शक्ति है वो ऐसा आरोप कैसे लगा रही हैं और अगर लगा रही हैं तो सरासर गलत है।
23 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ जंतर मंतर पर अपना आंदोलन शुरू करने के बाद से पहलवान लगातार बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। सरकार ने पहलवानों की कई मांगों को स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 7 जून को आश्वासन दिया था कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोपपत्र दायर कर दिया जाएगा। इसके बाद पहलवानों ने अपना आंदोलन रोक दिया था। हालांकि, अब पहलवानों का मानना है कि सरकार बृजभूषण शरण सिंह को बचाने की कोशिश कर रही है।
