अभिनेता सलमान खान को जोधपुर की एक अदालत ने बुधवार (18 जनवरी) को चिंकारा शिकार से जुड़े अवैध हथियार रखने के एक मामले में बरी कर दिया। लेकिन टाइम्स अॉफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उन पर गलत धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया। सलमान खान पर लाइसेंस खत्म हो चुकी बंदूक इस्तेमाल करने को लेकर आर्म्स एक्ट के सेक्शन 3/25 और 27 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि बंदूक का लाइसेंस वैध था, लेकिन उसे हर साल रिन्यू कराना जरूरी था।
आदेश के मुताबिक लाइसेंस 3 साल यानी अगस्त 9, 1999 तक के लिए वैध था और अपराध सिर्फ इतना था कि लाइसेंस को 1998 में अगले एक वर्ष के लिए रिन्यू नहीं कराया गया। आर्म्स एक्ट के मुताबिक सलमान के लाइसेंस को हर साल रिन्यू कराना जरूरी था, चाहे वह 3 साल के लिए वैध था। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि सलमान पर सेक्शन 21 के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए था, सेक्शन 3 के तहत नहीं।
आपको बता दें कि सलमान पर पिछले 18 साल से यह मामला चल रहा था। बुधवार को जब सलमान कोर्ट पहुंचे तो जज ने उनसे उनका नाम पूछा और फिर कहा-आप दोषमुक्त किए जाते हैं। कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ के तहत बरी किया था। इससे पहले सलमान के वकील ने भी दावा किया था कि वह बरी हो गए हैं। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा था कि वह अदालत के आदेश की कॉपी आने के बाद आगे के कदम के बारे में सोचेंगे। इससे पहले जज के आने के बाद भी जब सलमान कोर्ट नहीं पहुंचे तो उन्हें आधे घंटे में पेश होने का आदेश दिया गया था। सलमान की बहन अलवीरा खान भी कोर्ट में उनके साथ थीं। सलमान खान के खिलाफ दर्ज 4 मामलों से यह एक था।
खान और उनकी बहन अलवीरा मंगलवार शाम यहां पहुंचे थे। सलमान खान अपने बॉडीगार्ड के साथ हरी महल पैलेस होटल में रुके हैं। इस मामले से जुड़े दोनों पक्ष की जिरह नौ जनवरी को पूरी हो गई थी, जिसके बाद मजिस्ट्रेट दलपत सिंह राजपुरोहित ने अभिनेता को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश देते हुए अपने फैसले को 18 जनवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
