BMC Elections: शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मुंबई में नगर निकाय चुनावों के लिए अपने-अपने गढ़ों में सीट का बंटवारा बराबर-बराबर कर सकती है और महानगर के बाकी हिस्सों के लिए 60:40 का फार्मूला अपना सकती हैं। सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के बीच गठबंधन अब महज औपचारिकता मात्र रह गया है, इसलिए दोनों दलों के नेताओं को ऐसी सीट की सूची तैयार करने को कहा गया है।
पीटीआई ने सूत्रों के अनुसार, बताया है कि शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच औपचारिक गठबंधन की घोषणा दिवाली के आसपास हो सकती है, जब नगर निगम चुनाव का पहला चरण होने की संभावना है। राज्य के बाकी हिस्सों में दोनों दल एक-दूसरे की ताकत के आधार पर फैसला लेंगे। शिवसेना (उबाठा) और मनसे का ठाणे, नासिक और कल्याण-डोंबिवली क्षेत्र में प्रभाव है।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल
इस सप्ताह की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश का पालन न करने के लिए महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग की खिंचाई की और निर्देश दिया कि 2022 से रुके हुए राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरे किए जाएं। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) 2025-26 के लिए 74,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ देश का सबसे अमीर नगर निकाय है और इसपर कब्जे के लिए पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद सबसे कड़ा मुकबला होने की संभावना है।
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किन सीटों पर क्या है विवाद?
मुंबई में 227 नगर निगम वार्ड हैं। एक मनसे नेता ने कहा कि विवाद का केंद्र वे इलाके हैं जहां शिवसेना (यूबीटी) और मनसे दोनों का प्रभाव है। इसलिए दादर-माहिम, लालबाग-परेल-सिवरी, विक्रोली, डिंडोशी, घाटकोपर पश्चिम, दहिसर और भांडुप जैसे गढ़ों वाली सीट बराबर-बराबर बांटी जा सकती हैं। ये वे इलाके हैं जहां दोनों का प्रभाव है।
मुंबई के कई मराठी भाषी क्षेत्रों में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का प्रभाव लगभग समान है। मनसे नेता ने कहा कि शहर के बाकी हिस्सों में अनुपात 60:40 रहने की संभावना है, जिसमें 60 प्रतिशत सीट शिवसेना (उबाठा) को और शेष 40 प्रतिशत हमें मिलेंगी। नेता ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की सीट पर भी शिवसेना (यूबीटी) के चुनाव लड़ने की संभावना है।
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