Kundarki Assembly Seat BJP Candidate 2024: उत्तर प्रदेश में जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है, उसमें एक सीट पर बीजेपी जीत के लिए विशेष रणनीति बना रही है। यह सीट मुरादाबाद जिले में आने वाली कुंदरकी विधानसभा सीट है। यहां पर आजादी के बाद से सिर्फ एक बार ही बीजेपी जीती है। बीजेपी को यह जीत 1993 में मिली थी। कुंदरकी विधानसभा सीट को लेकर इस तरह की भी जोरदार चर्चा थी कि बीजेपी यहां पर किसी मुस्लिम चेहरे को भी उम्मीदवार बना सकती है। कुंदरकी विधानसभा सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के गृह जिले में आती है।
कुंदरकी विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है क्योंकि 2012 से लगातार यहां पर सपा को ही जीत मिल रही है। उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।
इन 9 सीटों पर होना है उपचुनाव
विधानसभा सीट का नाम | संबंधित लोकसभा |
कटेहरी | अंबेडकर नगर |
मझवां | मिर्जापुर |
मीरापुर | मुजफ्फरनगर |
सीसामऊ | कानपुर नगर |
करहल | मैनपुरी |
फूलपुर | प्रयागराज |
खैर | अलीगढ़ |
कुंदरकी | मुरादाबाद |
गाजियाबाद | गाजियाबाद |
2022 के विधानसभा चुनाव में कुंदरकी विधानसभा सीट से जिया उर रहमान बर्क को 1,25,792, बीजेपी उम्मीदवार कमल प्रजापति को 82,630 और बसपा के उम्मीदवार हाजी रिजवान को 42,742 वोट मिले थे।
मुस्लिम मतदाता हैं निर्णायक
कुंदरकी विधानसभा सीट पर कुल 3,83,488 मतदाता हैं। इसमें से लगभग सवा दो लाख मुस्लिम मतदाता हैं। 63,000 एससी-एसटी और 30-30 हजार क्षत्रिय समुदाय और सैनी वर्ग के मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या यहां 15 हजार है। बाकी मतदाता अन्य समुदायों के हैं।
क्यों खास है कुंदरकी सीट?
कुंदरकी विधानसभा सीट इसलिए खास है क्योंकि यहां से 2022 के विधानसभा चुनाव में जियाउर रहमान बर्क को जीत मिली थी। जियाउर रहमान बर्क शफीकुर्रहमान बर्क के पोते हैं। शफीकुर्रहमान बर्क संभल सीट से कई बार सांसद रहे थे और कुछ महीने पहले उनका इंतकाल हो गया था।
जियाउर रहमान बर्क इस बार लोकसभा चुनाव में संभल की सीट से सांसद चुने गए हैं और उनके विधानसभा से इस्तीफा देने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। कुंदरकी सीट को लेकर एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि यहां पर 1993 के बाद से आज तक कोई भी हिंदू नेता चुनाव नहीं जीता।
कुंदरकी में 1996 से नहीं बना कोई हिंदू विधायक
साल | विधायक का नाम |
1996 | अकबर हुसैन |
2002 | मोहम्मद रिज़वान |
2007 | अकबर हुसैन |
2012 | मोहम्मद रिज़वान |
2017 | मोहम्मद रिज़वान |
2022 | जिया उर रहमान बर्क |
बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से रफतउल्लाह और चंद्रशेखर आजाद की आसपा (कांशीराम) ने चांद बाबू को टिकट दिया है। यह लगभग तय है कि सपा भी यहां से किसी मुस्लिम चेहरे को ही उम्मीदवार बनाएगी। बीजेपी इन सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के ऐलान के बाद ही अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मोहम्मद वारिस को टिकट दिया है।
हाजी रिजवान को टिकट दे सकती है सपा
सपा की ओर से पूर्व विधायक हाजी रिजवान और जियाउर रहमान बर्क के पिता टिकट की दौड़ में हैं। हाजी रिजवान 2002, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। बीजेपी की ओर से रामवीर सिंह, कमल प्रजापति, डॉक्टर शेफाली सिंह टिकट मांग रहे हैं। दिनेश ठाकुर, अभिषेक सिंह सहित कई नाम हैं। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के 20 से ज्यादा नेताओं ने भी टिकट मांगा है।
इस सीट पर दलित मतदाता मुस्लिम मतदाताओं के बाद दूसरे नंबर पर हैं, ऐसे में बीजेपी किसी दलित नेता को भी चुनाव में मैदान में उतार सकती है।
बीजेपी कुंदरकी विधानसभा सीट पर हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने पर जोर दे रही है। अगर पार्टी किसी मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार बनाती है और अगर वह मुस्लिम मतों में सेंधमारी करने में कामयाब हुआ तो इस सीट पर चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक हो सकता है।