जोखिम वाले कर्ज (NPA) पर नरेंद्र मोदी सरकार पर विपक्ष के बाद अब अपनों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्‍यक्षता वाली संसदीय समिति (एस्टिमेट कमेटी या प्राक्‍कलन समिति) ने NPA के मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। समिति ने PMO से पूछा कि NPA को लेकर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा दी गई सूची पर अब तक क्‍या कार्रवाई की गई है? रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल के दौरान PMO को उन बड़े औद्योगिक घरानों की सूची सौंपी थी, जिन्‍होंने बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन लेकर अब तक नहीं चुकाया है। यह राशि अब NPA में तब्‍दील हो चुकी है। जोशी की अध्‍यक्षता वाली समिति ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर की सूची पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्‍योरा तलब किया है। PMO को दिए गए नोटिस में कानूनी कार्यवाही के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। समिति ने NPA को नियंत्रित करने के लिए रघुराम राजन से भी मदद मांगी है।

पीयूष गोयल के मंत्रालय को भी नोटिस: संसदीय समिति ने पीयूष गोयल के मंत्रालय (कोयला ) के साथ ही ऊर्जा मंत्रालय को भी नोटिस जारी किया है। दोनों मंत्रालयों से बढ़ते NPA पर जवाब मांगा गया है। रघुराम राजन ने लिखित जवाब में कोयला और ऊर्जा क्षेत्र में NPA की लगातार बढ़ती समस्‍या की बात कही थी। जोशी की अध्‍यक्षता वाली संसदीय समिति ने NPA पर ऐसे समय में मोदी सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया है, जब इस मसले पर विपक्ष पहले से ही सरकार पर हमलावर है। बता दें कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने समिति को दिए लिखित जवाब में कहा था कि उन्‍होंने बैंकिंग सेक्‍टर में धोखाधड़ी को रोकने के लिए फ्रॉ मॉनिटरिंग सेल बनाया था। उन्‍होंने हाई-प्रोफाइल मामलों की सूची भी PMO को सौंपी थी, लेकिन इनपर हुई कार्रवाई के बारे में उन्‍हें जानकारी नहीं है।

संसदीय समिति में दो फाड़: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुरली मनोहर जोशी की अध्‍यक्षता वाली समिति के सदस्‍यों में NPA को लेकर आम राय नहीं थी। सूत्रों ने बताया कि समिति में शामिल बीजेपी के सदस्‍यों ने समिति के अध्‍यक्ष मुरली मनोहर जोशी की कार्रवाई से खुश नहीं थे। पिछले कुछ महीनों से संसदीय समिति में शामिल बीजेपी के सदस्‍य जोशी के प्रति अपनी नाखुशी जताते रहे हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक बैठक का बहिष्‍कार कर दिया था, जिसमें पूर्व मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यम को पेश होना था।