बीजेपी नेता रामचंद्र जांगडा़ का एक विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में पहलगाम पीड़ितों को लेकर बोल दिया कि उनमें वीरांगनाओं का भाव ही नहीं था। उनके इस बयान की हर जगह निंदा की जा रही है, कांग्रेस ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया है।
बीजेपी नेता का विवादित बयान
बीजेपी नेता जांगड़ा ने कहा कि पहलगाम में जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीना गया, अगर उन्होंने अहिल्याबाई का इतिहास पढ़ लिया होता तो उनके सामने इस तरह से उनके पतियों को गोली नहीं मारी जाती। उनमें वीरांगनाओं का भाव नहीं था, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था। इसी वजह से हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए।
जांगड़ा यही नहीं रुके, उनकी तरफ से तो यहां तक बोला गया कि पीएम मोदी जो ट्रेनिंग देना चाहते हैं, अगर ये ट्रेनिंग उन पर्यटकों के पास होती तो 26 लोगों की जान नहीं जाती। अगर उनके पास लाठी-ठंडा होता, अगर चारों तरफ से हमला किया जाता तो ज्यादा से ज्यादा पांच से छह लोग मारे जाते और आतंकवादी भी मरते।
पहले भी आए हैं विवादित बयान
अब यह कोई पहले बीजेपी नेता नहीं है जिन्होंने पहलगाम को लेकर विवादित बयान दिया हो। ऑपरेशन सिंदूर पर विजय शाह की टिप्पणी पर खूब बवाल हुआ था। उन्होंने कहा था कि हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, उन्हीं कटे-पिटे लोगों को उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिन्दुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी-तैसी करने के लिए हमारे जहाज से उनके घर भेजा।
इससे पहले मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा था कि हमारे मन में बहुत क्रोध था, जो पर्यटक वहां गए थे…उन्हें चुन-चुन कर धर्म पूछ करके महिलाओं को एक तरफ खड़ा करके लोगों को गोली मार दी गई। माताओं के सिंदूर को मिटाने का काम जिन आतंकवादियों ने किया…आतंकवादियों को जिन्होंने पाला उनको जब तक नेस्तनाबूनद नहीं कर देंगे तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे…और यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद देना चाहेंगे, पूरा देश और देश की सेना, सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक हैं, उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है, उन्होंने जो जवाब दिया है, इसकी जितनी सराहना की जाए जितना कहा जाए, एक बार उनके लिए जोरदार ताली बजाई जाए।
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