राज्य सभा सांसद और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि वो पार्टी के प्रति वफादारी के चलते जीएसटी विधेयक पर चुप हैं। जीएसटी विधेयक बुधवार को राज्य सभा में पूर्ण बहुमत से पारित हुआ था। गुरुवार को स्वामी ने ट्वीट करके कहा, “क्या किसी पीटी ने प्रस्तावित जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक के प्रभाव और जीएसटीएन (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क) की भूमिका का अध्ययन किया है।” स्वामी पैट्रियाटिक ट्विपल (देशभक्त ट्विटर यूजर्स) के लिए पीटी का प्रयोग करते रहे हैं।
स्वामी के एक फॉलोवर ने उनसे पूछा कि वो अभी तक जीएसटी और अर्थव्यस्था पर इसके प्रभाव को लेकर चुप क्यों हैं? इसपर स्वामी ने कहा, “मैं चुप हूं क्योंकि अर्थशास्त्र के प्रति मेरे अकादमिक समर्पण और पार्टी के लिए मेरी वफादारी के बीच द्वंद्व है।” स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “अर्थशास्त्रियों की नजर में जीडीपी विकास दर केवल अधिक निवेश तथा पूंजी और श्रम उत्पादकता में बढ़ोतरी से हासिल होती है।”
जीएसटी देश में लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष करों की जगह लगने वाला एकमात्र अखिल भारतीय टैक्स होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी विधेयक पारित होने के बाद दावा किया कि इससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा और इससे देश की जीडीपी में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
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लोक सभा में ये विधेयक मई 2015 में ही पारित हो गया था। हालांकि राज्य सभा में इस विधेयक में हुए संशोधनों को दोबारा लोक सभा से पारित कराना बाकी है। लोक सभा में बीजेपी के पास बहुमत है इसलिए इसमें कोई मुश्किल नहीं आने वाली है।
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@raghask : I am silent because there is conflict between my scholarly commitment to economics and my loyalty to the party's decided issues
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 4, 2016
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