ऐसा लगता है कि आर्थिक मंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार टीम की सार्वजनिक टिप्पणियां सत्ताधारी बीजेपी को पंसद नहीं आई हैं। दरअसल, पीएम की इकॉनमिक अडवाइजरी काउंसिल की सदस्य शमिका रवि ने गुरुवार को आर्थिक मंदी को लेकर अपनी राय जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि इस आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए कई मंत्रालयों के लिए समयबद्ध तरीके से पूरे होने वाले लक्ष्य तय करने होंगे।

रवि ने ट्वीट करके माना था कि देश में आर्थिक मंदी है। साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि अर्थव्यवस्था को सिर्फ वित्त मंत्रालय के हवाले छोड़ना कुछ ऐसा ही है कि किसी कंपनी की तरक्की की जिम्मेदारी उसके अकाउंट डिपार्टमेंट के हवाले कर दिया जाए। शुक्रवार को सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, बीजेपी के विदेश मामलों के प्रभारी विजय चौथाईवाले ने एक ट्वीट किया।

बीजेपी नेता ने रवि को टैग करते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अब वह वित्त मंत्रालय के खिलाफ की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों को वापस लेंगी। इसके ठीक बाद, रवि की प्रतिक्रिया भी आई। उन्होंने कहा कि वे ऐसी करेंगी और वह वित्त मंत्रालय की घोषणाओं और वादों से काफी प्रभावित हैं।

शमिका ही नहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी आर्थिक क्षेत्र में सुस्ती को ‘अभूतपूर्व समस्या’माना था। उन्होंने कहा था कि सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए असामान्य कदम उठाने होंगे। राजीव के मुताबिक, सरकार ने बीते 70 सालों में नकदी के ऐसे संकट का सामना नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी किसी को भी उधार देना नहीं चाहता है। सब ने पैसा दबा रखा है लेकिन वे पैसा निकालना नहीं चाहते हैं।