कांग्रेस ने महाराष्ट्र में बीजेपी के पूर्व सांसद सुजय विखे पाटिल के उस बयान का जबरदस्त विरोध किया है जिसमें सांसद ने कहा था कि शिरडी में मुफ्त भोजन की प्रथा को बंद कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से पूरे महाराष्ट्र से भिखारी यहां आ रहे हैं।

बीजेपी नेता के बयान पर कांग्रेस की सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि बीजेपी नेता को सत्ता का अहंकार हो गया है। उन्होंने यह बयान देकर साईं बाबा के भक्तों का अपमान किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि शिरडी में मुफ्त भोजन की सुविधा साईं के भक्तों के द्वारा दिए गए दान से चलाई जाती है और इसके लिए बीजेपी नेता की जेब से पैसा नहीं जाता है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि मुफ्त सलाह देने के बजाय बीजेपी के नेता को अपने शिक्षण संस्थाओं के जरिए मुफ्त शिक्षा देनी चाहिए।

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क्या कहा था बीजेपी नेता ने?

बताना होगा कि रविवार को शिरडी में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी नेता पाटिल ने श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर से अपील की थी कि उन्हें श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन देना बंद कर देना चाहिए। बीजेपी नेता ने कहा था कि शिरडी में पूरे महाराष्ट्र से भिखारी भोजन करने आते हैं। जो श्रद्धालु शिरडी आते हैं वह भोजन के लिए 10 रुपये का भुगतान कर सकते हैं, इसलिए वह ट्रस्ट से ऐसा अनुरोध कर रहे हैं।

बीजेपी नेता ने कहा था कि वह यह अनुरोध शिरडी के लोगों की ओर से कर रहे हैं और शिरडी के लोग इस मांग के लिए एकजुट हैं। उन्होंने कहा था कि जो पैसा भोजन के लिए खर्च किया जा रहा है वह शिरडी में बच्चों की पढ़ाई के लिए खर्च किया जाना चाहिए।

लेकिन उनके इस बयान पर कांग्रेस के विरोध के बाद यह मामला मीडिया में भी काफी चर्चा में आ गया है। महाराष्ट्र विधान परिषद की उप सभापति नीलम गोरे ने उनके बयान पर विरोध जताते हुए कहा कि किसी को भी भिखारी जैसे आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। गोरे ने कहा, “जब कोई सांसद बनाने की मांग कर रहा था, तो क्या वह भीख मांग रहा था? कोई किसी से मदद मांग रहा है तो क्या उसे भिखारी कहा जाना चाहिए। जो लोग मुफ्त भोजन और भीख देना दोनों अलग-अलग चीजें हैं।

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हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोग करते हैं भोजन

साईं बाबा संस्थान हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराता है और इसके लिए खर्च भक्तों के दिए गए दान से होता है। जबकि बीजेपी नेता पाटिल का कहना है कि इस वजह से शिरडी में भिखारियों की संख्या बढ़ रही है। जब इस बयान पर विवाद बढ़ा तो उनके पिता और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सुजय का मतलब कुछ और था। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुफ़्त भोजन की सेवा बंद नहीं की जाएगी।

शिवसेना के नेता अक्षय महाराज भोसले ने भी पाटिल के इस बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिरडी में मुफ़्त प्रसाद (भोजन) लेने आने वाले भक्तों को भिखारी कहा जा रहा है। कई भक्त इसे पवित्र प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

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