Giriraj Singh: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह एक बार फिर से अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने कहा कि हम लोग बच्चों को अपनी संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों को सिखाने के बजाय मिशनरी स्कूलों में भेजते हैं और फिर उनमें से ज्यादातर विदेश जाकर और बीफ खाना शुरू कर देते हैं। गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि जरूरत है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को गीता का श्लोक सिखाया जाए।
क्या बोले गिरिराज सिंह: केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भगवदगीता को स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए, हम अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों में भेजते हैं, वे आईआईटी से पढ़ते हैं, इंजीनियर बनते हैं, विदेश जाते हैं और उनमें से ज्यादातर बीफ (गौ मांस) खाना शुरू कर देते हैं। क्यों? क्योंकि हमने उन्हें अपनी संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों को नहीं सिखाया।”
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स्कूलों में हो गीता श्लोक का पाठ: गिरिराज सिंह ने एक धार्मिक समारोह में कहा कि आज सनातन धर्म जिंदा है इसलिए लोकतंत्र भी जिंदा हैं। हम कहां से कट्टरपंथी बन जाएंगे जब हमारे पूर्वजों और धर्म ने सिखाया कि चीटियों को गुड़ खिलाने और पेड़ में पानी देने से फल मिलता है, फिर भी लोग हमें कट्टरपंथी कहते हैं। सिंह ने आगे कहा कि इतना ही नहीं हम आस्तीन के सांप को भी नाग पंचमी के दूध पिलाते हैं।
भागवत कथा के उद्घाटन में पहुंचे थे केंद्रीय मंत्री: दरअसल, गिरिराज सिंह बुधवार (1 जनवरी) को बिहार के बेगूसराय में लोहिया नगर में भागवत कथा के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में अगर वह गीता का श्लोक हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कहेंगे तो लोग कहेंगे भगवा एजेंडा लागू किया जा रहा है, इसलिए इसकी शुरुआत प्राइवेट स्कूल से होनी चाहिए।