भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्सपा) पर अपने रुख को नरम करते हुए कहा कि अगर वह यहां सत्ता में आती है तो ऐसा माहौल बनाएगी जहां ऐसे किसी ‘कठोर’ कानून की जरूरत नहीं होगी।
भाजपा के नेता और राज्य में पार्टी के प्रभारी रमेश अरोड़ा ने कहा, ‘‘हमारी समझ यह है कि अगर भाजपा राज्य की सत्ता में आती है तो यहां ऐसे किसी कानून की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम ऐसा माहौल तैयार करेंगे जहां कोई डर नहीं होगा और सबकुछ शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ेगा तथा यहां कोई कठोर कानून नहीं होगा।’’
उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर पर आरोप लगाया कि वह इस मामले पर आगे बढ़ने के लिए जरूरी माहौल पैदा करने में ‘नाकाम’ रहे हैं। उमर इस कानून को आंशिक रूप से हटाने की पैरवी करते रहे हैं।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘यह सरकार (कानून को हटाने के लिए) माहौल पैदा करने में नाकाम रही है। इसको हटाने जैसा कोई कदम न सिर्फ राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों को प्रभावित करेगा बल्कि सशस्त्र बलों का हौसला भी पस्त करेगा।’’
हालिया आतंकी हमलों के संदर्भ में भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि हिंसा की घटनाओं के पीछे नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी का हाथ है जो इसके जरिए राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी इसमें शामिल हैं तथा यह फैसला लोगों को करना है कि सच्चाई क्या है। यह कोई बेतुका आरोप नहीं है और पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।’’
उन्होंने कहा कि राज्य बड़े संकट से बाहर निकला है और देश के विकास को रोकने में अंतरराष्ट्रीय हित जान पड़ते हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि उमर सहित घाटी के कई नेता प्रधानमंत्री मोदी की लहर से डर गए हैं और इसलिए माहौल सांप्रदायिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।