बिहार के एक मेडिकल कॉलेज में मानव कंकाल का अवैध धंधा करने की घटना सामने आई है। मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में हो रही इस हैरान कर देने वाली गतिविधि का खुलासा एक हिंदी अखबार के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। स्टिंग में पाया गया कि हॉस्पिटल में काम करने वाले सफाई कर्मचारी अंतिम संस्कार ना किए गए लावारिस शवों को बेच रहे हैं। कर्मचारी इन शवों की खाल खुद ही उतारते हैं और फिर इन्हें 8000 रुपए में बेच देते हैं। बताया जा रहा है कि खरीदने वाले मेडिकल स्टूडेंट हैं।
दरअसल एमबीबीएस छात्रों को पांच साल के इस कोर्स में पहले वर्ष human anatomy (मानव शरीर रचना विज्ञान) के दो पेपर होते हैं। इन पेपर के लिए छात्र बाजार से अर्टिफिशियल कंकाल खरीदते हैं, जिनकी कीमत 15000 से 50 हजार रुपए तक होती है। हालांकि कुछ छात्र 8000 रुपए में ही वास्तविक मानव कंकाल खरीद रहे हैं। स्टिंग ऑपरेशन में एक सफाई कर्मचारी ने ग्राफिक्स के जरिए समझाया कि वह किस तरह शरीर से मांस को अलग करते हैं। उसने बताया कि वो मांस अलग करने के बाद कंकाल को उबालते हैं और सूख जाने के बाद बॉक्स में रख देते हैं।
श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में अज्ञात लोगों के बिना अंतिम संस्कार किए गए शवों के कंकाल का अवैध व्यापार पर अस्पताल प्रबंधन ने कुछ बोलने से इंकार किया। हालांकि मीडिया में इसका भंडाफोड़ होने पर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ललित सिंह ने इसे संगीन मामला बताते हुए कहा कि इसकी जांच होगी। प्रावधान के अनुसार अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के समय एक पुलिसकर्मी की उपस्थिति अनिवार्य है।

