बिहार के 2017 में हुए टॉपर घोटाले में पुलिस ने 12वीं के टॉपर गणेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गणेश कुमार को शुक्रवार (2 जून) की शाम को गिरफ्तार किया गया। उसपर जन्म की तारीख का फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने बताया कि गणेश ने अपनी उम्र 24 साल बताई लेकिन वह 41 साल का है। इतना ही नहीं उसके दो बच्चे भी हैं। इस मामले पर पटना कोतवाली के डीएसपी शिवली नोमानी ने कहा कि गणेश को पहले बोर्ड के पास ले जाया गया और बाद में उनके हवाले कर दिया गया।

12वीं की परीक्षा में गणेश ने 82.6 प्रतिशत अंक हासिल करके टॉप किया था। लेकिन संगीत से जुड़े आसान से सवालों के भी वह जवाब नहीं दे पाया। दूसरी तरफ बिहार में 64.75 प्रतिशत बच्चे फेल हो गए। BSEB के इतिहास में पिछले 20 सालों में यह सबसे खराब नतीजे बताए जाते हैं। मंगलवार को आए नतीजों में साइंस के 30.11, कॉमर्स के 37.11 प्रतिशत बच्चे पास हुए। वहीं कॉमर्स में पास होने का प्रतिशत 73.76 रहा।

तीन वजहों से हुए शक: पहली वजह यह कि गणेश कुमार ने 12वीं में टॉप करने पर अपनी उम्र 24 साल बताई। जबकि 17-18 की उम्र वाले बच्चे इस क्लास में होते हैं। वह झारखंड के गिरिडीह के पेपर देने के लिए समस्तीपुर आता था। इसके साथ ही वह हार्मोनियम भी नहीं बजा पाया था जबकि उसको संगीत के प्रेक्टिकल में 70 में से 65 अंक मिले थे।

ऐसा पता लगा: फर्जीवाडे का पता पुराने रिकॉर्ड्स से लगा। BSEB के चेयरपर्सन ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि गणेश ने 1990 में गिरिडीह और 1992 में झुमरी तलैया से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। दोनों ही बार उसकी सैकेंड डिवीजन आई। दोनों बार के एडमिट कार्ड पर उसने अपनी डेट ऑफ बर्थ सात नवंबर 1975 बताई हुई थी। इसके बाद उसने 2015 में फिर से दसवीं की परीक्षा दी। तब उसकी डेट ऑफ बर्थ दो जून 1993 लिखी गई थी।

गिरफ्तारी के बाद गणेश ने मीडिया से कहा था कि जब गरीब लोग पढ़ाई करते हैं तो वो ऐसे फंस जाते हैं। आगे ऐसा ही हुआ तो लोग माफिया और आंतकवादी बनेंगे।