बिहार में भाजपा नेता ने अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सीएम को पत्र लिखकर राज्य में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाया है।
पश्चिमी चंपारण से सांसद जायसवाल ने प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 14000 ग्रामीण सड़कों के निर्माण में कथित रूप से भ्रष्टाचार की बात कही है। सीएम को लिखे पत्र में जायसवाल ने कहा, ‘मैं आपका ध्यान 14000 ग्रामीण सड़कों के निर्माण में हुई अनियमितता की खबरों की तरफ आकृष्ट करना चाहता हूं।
इन सड़कों का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं हुआ है और यह बिना इंजीनियरों की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता है। ‘ सीएम को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि यदि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होती है तो आपको कई इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत देखने को मिल सकती है। सांसद ने पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बनी सड़क में कथित भ्रष्टाचार का उदाहरण भी दिया।
उन्होंने कहा कि मझौलिया ब्लॉक के तहत पीएमजीएसवाई सड़क (एलओ-141) निर्माण के लिए दिसंबर 2014 में 29,33,455 रुपये का भुगतान किया गया था। इसके बाद इस साल 15 जनवरी को 46,90,559 और 18 फरवी को 16,97,986 रुपये का भुगतान किया गया। इन पैसों के भुगतान इंजीनियर के साथ मिलीभगत से बिना सड़क निर्माण के किया गया।
सांसद का यह पत्र उस समय सामने आया है जब सीएम बृहस्पतिवार को इलाके के दौरे पर पहुंचे थे। जायसवाल ने कहा कि इंजीनियर और राजनेता इस भुगतान को न्यायसंगत ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। वे लोग इनमें से कुछ इलाकों को बाढ़ प्रभावित भी दिखा रहे हैं। दूसरी तरफ हकीकत यह है कि ये क्षेत्र कभी बाढ़ से प्रभावित रहा ही नहीं है।
इस बीच बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हम इस मामले को देख रहे हैं। इसमें ठेकेदार की भूमिका पहले ही सवालों के घेरे में है। उसे पहले ही डिबार्ड किया जा चुका है। सरकार इस मामले को अपने स्तर पर देख रही है।