अप्रैल-जून 2017 की तिमाही में देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियों में कटौती हुई है। श्रम ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान देश भर में 87 हजार नौकरियां सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गईं। पिछले साल इसी समयावधि में मात्र 12 हजार नौकरियां गईं थीं। ये खुलासे श्रम ब्यूरो द्वारा तिमाही रोजगार सर्वे के छठे राउंड में जारी किये गये आंकड़ों से हुए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक अगर सभी अहम आठ सेक्टरों ( मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, व्यापार, परिवहन, आवास और रेस्तरां, आईटी/बीपीओ, शिक्षा और स्वास्थ्य ) को जोड़ दिया जाए तो पिछली तिमाही के मुकाबले इस बार 64 हजार नौकरियां बढ़ी हैं। हालांकि ये बढ़ोतरी तीन तिमाहियों में सबसे धीमी है। अप्रैल-जून 2016 में इन आठ सेक्टरों में कुल मिलाकर 77 हजार ज्यादा कामगारों को नौकरी मिली थी, जबकि जनवरी-मार्च में बढ़ोतरी का ये आंकड़ा 1 लाख 85 हजार नौकरियों का था।
मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) सेक्टर के अलावा परिवहन सेक्टर में भी नौकरियों के मौकों में कमी देखी गई। अप्रैल-जून 2017 में इस सेक्टर में 3 हजार नौकरियां कम हुईं। सरकार के लिए राहत की खबर निर्माण क्षेत्र से आई जहां अप्रैल-जून के दौरान पिछली तिमाही के मुकाबले 10 हजार नौकरियां बढ़ीं, जबकि ट्रेड और रेस्तरां सेक्टर में क्रमश: 7 हजार और 5 हजार नौकरियां बढ़ीं। सर्वे के मुताबिक नौकरियों के मामले में शिक्षा के क्षेत्र से सबसे सकारात्मक तस्वीर सामने आई जहां अप्रैल जून 2017 के दौरान पिछली तिमाही के मुकाबले 99 हजार नौकरियां बढ़ीं।
सर्वे के मुताबिक आईटी/बीपीओ सेक्टर में भी नौकरियों में इजाफे का ट्रेंड देखा गया। यहां पिछले साल अप्रैल-जून में 2000 नौकरियां बढ़ीं, जबकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 31 हजार नौकरियों का इजाफा हुआ। सर्वे के आंकड़े संकेत देते हैं कि पिछले साल की अप्रैल-जून की तिमाही में बढ़ी 64 हजार नौकरियों में खुद रोजगार गढ़ने वालों की संख्या 3000 बढ़ी जबकि 61 हजार लोगों नौकरी पाकर कर्मचारियों की श्रेणी में आए। अप्रैल-जून के दौरान संविदा पर नौकरी करने वाले लोगों की संख्या में 64 हजार की कमी अप्रैल-जून 2017 के दौरान आई। इस सर्वे के लिए देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 11 हजार 179 इकाइयों से डाटा लिया गया था। इसके लिए आठ कोर सेक्टरों के उन सभी प्रतिष्ठानों का डाटा एकत्रित किया गया था जहां 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं।