राजस्थान में भी कोरोना ने कहर बरपा रखा है। प्रदेश के दस जिले इससे प्रभावित हैं और हालात को संभालने के लिए पांच शहरों में कफर्यू भी लगाना पड़ा है। इस सबके बीच अच्छी खबर यह भी है कि जयपुर के एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों ने दस दिन में ही कोरोना पाजिटिव पांच मरीजों को इस बीमारी से मुक्त भी कर दिया। इन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। सैनेटाइजर की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश की पांच चीनी मिलें और कई शराब कारखानों को अब सैनेटाइजर बनाने के काम में लगा दिया गया है।

राजस्थान में सोमवार शाम तक कोरोना पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा 61 तक पहुंच गया था। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि हर स्तर पर पूरी सतर्कता के साथ हालात संभालने का काम चल रहा है। प्रदेश में भीलवाड़ा की हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक है। प्रदेश में आधे कोरोना मरीज अकेले भीलवाड़ा से हैं। भीलवाड़ा में इच्छा शक्ति के कारण देश के सामने एक मिसाल भी कायम कर दी है।

इस जिले में महज नौ दिन में छह हजार टीमें बना कर 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर दी गई। यह प्रक्रिया 19 मार्च से ही शुरू की गई थी। इस शहर के एक बड़े निजी अस्पताल के तीन डॉक्टर और तीन चिकित्साकर्मियों के कोरोना पाजिटिव मिलने के बाद ही यह जिला उच्च खतरे पर आ गया था। उसी समय शहर में कर्फ्यू लगा कर सीमाएं सील कर दी गई और किसी को भी आने-जाने नहीं दिया गया। देश के किसी भी शहर में की गई स्क्रीनिंग में भीलवाड़ा शहर की सबसे बड़ी स्क्रीनिंग है। इस दौरान करीब 18 हजार लोग खांसी जुकाम के लक्षण वाले मिले है। इस शहर में जांच का दूसरा चरण भी सोमवार से शुरू हो गया है। भीलवाड़ा में अब तक 26 लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए है। इनमें से 7 लोग ठीक हो गए तो दो लोगों की मौत भी हो गई है।

राजस्थान में सोमवार तक 4470 लोगों की कोरोना जांच की गई, इनमें से 4100 लोग निगेटिव मिले हैं और 61 लोग पाजिटिव है। प्रदेश में 300 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार भी है। प्रदेश के भीलवाड़ा में 26, झुंझनूं में 8, जयपुर में 10, पाली, सीकर और चूरू में एक-एक मरीज मिला है। जोधपुर में 6, डूंगरपुर में 2 अजमेर में 4 कोरोना के मरीज मिले हैं।

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि सरकार हर स्तर पर ठोस कार्रवाई कर रही है। हालात को संभालने के लिए प्रदेश के 150 से ज्यादा निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने का भी आदेश सोमवार को जारी कर दिया गया है।

हर संभाग स्तर पर अब कोरोना की जांच की सुविधा मेडिकल कालेजों में मुहैया हो गई है और इसके साथ ही भीलवाड़ा के हालात को देखते हुए वहां भी जांच सुविधा शुरू कर दी गई है। जनता के सहयोग से कोरोना को हराने के लिए सरकार हर कदम उठा रही है।

दूसरी तरफ एक बार फिर कोरोना मरीजों को ठीक करने में एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों ने एक उपलब्धि और कायम कर ली है। डॉक्टरों के इलाज से अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती पांच कोरोना पाजिटिव मरीज अब ठीक हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अस्पताल के नियंत्रक डाक्टर सुधीर भंडारी ने बताया कि एक साथ पांच मरीजों का कोरोना फ्री होना शहर के लिए बड़ी सफलता है।

इसमें खास बात यह है कि सभी मरीज दस दिन के उपचार में ही ठीक हो गए। इनमें से एक मरीज तो भर्ती होने के छह दिन में ही ठीक हो गया। डॉक्टर भंडारी का कहना है कि इस बार इन मरीजों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की दवा दी गई। उन्होंने लोगों से कहा कि कोरोना से डरे नहीं, समय पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उपचार से ठीक भी हो।