देश के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्‍म 28 सितंबर, 1907 को हुआ था। सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में देश के लिए फांसी पर झूलने वाले भगत सिंह ने युवाओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा। 28 सितंबर, 2018 को भगत सिंह की 111वीं जयंती है। 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स की हत्‍या की साजिश रचने के आरोप में फांसी दे दी गई थी। आइए जानते हैं शहीद भगत सिंह के कुछ अनमोल विचार जो आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।

“किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।”

“किसी को ‘क्रांति’ शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते हैं।”

“निष्‍ठुर आलोचना और स्‍वतंत्र विचार, ये दोनों क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।”

“राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।”

“प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।”

“कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है, जब तक वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।”

“क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है। श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।”

“कोई भी व्यक्ति जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो, उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगा।”

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“मैं इस बात पर जोर देता हूं कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूं। पर मैं जरुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूं, और वही सच्चा बलिदान है।”

“मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।”

“जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।”

“खुदा के आशिक तो हैं हजारों, बनों में फिरते हैं मारे-मारे मैं, उसका बन्दा बनूंगा जिसको खुदा के बन्दों से प्यार होगा।”