Vice President Election: उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होंगे। भाजपा गठबंधन और इंडिया ब्लॉक ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। एनडीए की तरफ से सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, विपक्षी दलों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं। चुनाव से पहले, भारतीय जनता पार्टी के सांसद संसद में एक ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लेने के लिए 6 से 8 सितंबर के बीच दिल्ली में होंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के तरीके के बारे में जानकारी दी जाएगी। इतना ही नहीं संसदीय समितियों के कामकाज के बारे में भी बताया जाएगा।
वहीं, 8 सितंबर को विपक्ष भी अपने सभी सांसदों के लिए एक शॉर्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करेगा। हालांकि, इस चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बढ़त हासिल है, लेकिन विपक्ष एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत के अंतर को कम करने की उम्मीद कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क किया है और उन्हें और उनके सहयोगियों को इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में आमंत्रित किया है।
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उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति यानी प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम से होता है। संसद के दोनों सदनों के सदस्य इसमें भाग लेते हैं। हर मेंबर केवल एक ही वोट डाल सकता है। राष्ट्रपति के चुनाव में तो संसद के सदस्यों समेत विधायक भी वोटिंग करते हैं। लेकिन उपराष्ट्रपति के चुनाव में यह स्थिति कुछ अलग होती है।
किसके कितने सदस्य?
भाजपा गठबंधन के 422 सदस्य हैं (लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129), जबकि विपक्ष के 320 सदस्य हैं। बीजू जनता दल का किसी भी गठबंधन के साथ नहीं है। पार्टी ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। बीजेडी के उच्च सदन में सात सदस्य हैं और लोकसभा में एक भी नहीं। लोकसभा में चार निर्दलीय सदस्य और गैर-गठबंधन दलों के नौ सदस्य हैं। इस बीच, जस्टिस रेड्डी ने सभी सांसदों को एक अपील भेजकर उनका समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल दो व्यक्तियों के बीच चुनाव नहीं है, बल्कि मूल रूप से एक वैचारिक चुनाव है।
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