अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदगी वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए राजपथ पर वीवीआईपी दीर्घा के चारों ओर सात स्तरों वाला सुरक्षा घेरा होगा. वहीं, इलाके के उपर के वायुक्षेत्र की निगरानी विशेष रूप से लगाया गया रडार करेगा.

यह जमीन से लेकर हवा तक की अभूतपूर्व सुरक्षा योजना का हिस्सा होगा, जो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समाराहों में मुख्य अतिथि के तौर पर ओबामा की यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी को अभेद्य रूप से किलेबंद कर देगा।

एक ‘मल्टी एजेंसी’ नियंत्रण कक्ष राष्ट्रीय राजधानी के प्रत्येक इलाके में निगरानी पर नजर रखेगा, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर उच्चतम अलर्ट पर रखा जा रहा है. ओबामा भारत की तीन दिन की यात्रा पर 25 जनवरी को यहां पहुंच रहे हैं।

सुरक्षा तैयारियों में लगे अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए उच्च स्तर का खतरा है लेकिन किसी संभावित आतंकी खतरे के बारे में कोई खास खुफिया सूचना नहीं है।

राजधानी और आगरा पहुंच चुके अमेरिकन सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के गुजरने वाले मार्गों और राजपथ का एक शुरूआती सर्वे किया है. सालाना परेड देखने के लिए राजपथ में ओबामा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वीवीआईपी के साथ बैठेंगे।

इस बात की संभावना है कि पहली बार मुख्य अतिथि राष्ट्रपति की बुलेट प्रूफ कार में आने के बजाय कार्यक्रम स्थल पर अलग से आएंगे. यदि वह राष्ट्रपति के साथ आते हैं तो संभवत: वह प्रथम अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जो अपनी खुद की उच्च सुरक्षा वाली बख्तरबंद कार में यात्रा नहीं करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वीवीआईपी दीर्घा के चारों ओर सात स्तरों वाला एक सुरक्षा घेरा बनाया जाएगा, जिसमें एलिट स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप :एसपीजी: और सीक्रेट सर्विसेज के कर्मी करीबी घेरे पर होंगे. वीवीआईपी दीर्घा के उपर के वायु क्षेत्र की निगरानी के लिए एक रडार विशेष रूप से लगाया जा रहा है।

कंेद्रीय सुरक्षा एजेंसियां अपनी कंसील्ड एंटी टेररिस्ट :कैट: दस्तों को दिल्ली लायी है जो होटलों, गेस्ट हाउसों और जोखिम वाले स्थानों पर औचक जांच करेंगे. ओबामा के ठहरने वाले स्थान आईटीसी मौर्या की सुरक्षा कमान सीक्रेट सर्विसेज कर्मियों ने अपने हाथों में ले ली है और अमेरिकी अधिकारियों की तैनाती वाला ‘मल्टी फ्रीक्वेंसी रूम’ बनाया गया है।

राजधानी में लगाए गए करीब 15,000 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की निगरानी के लिए स्थापित नियंत्रण कक्षों में मौजूद टीमों का हिस्सा अमेरिकी सुरक्षाकर्मी भी होंगे. अमेरिकी अधिकारियों को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों के बारे में एक ‘पावर प्वाइंट’ प्रस्तुति दी गई।

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए सुरक्षा के सख्त प्रबंध किये गए हैं और दिल्ली पुलिस के 80 हजार कर्मियों के अलावा अर्धसैनिक बल के 20 हजार जवान एवं पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान एवं इंडिया रिजर्व बटालियन के जवानों को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया जा रहा है।

हवाईसीमा के उल्लंघन की किसी कोशिश को नाकाम करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर विमानभेदी तोपों को तैनात किया जायेगा जो उस दिन पारंपरिक तौर पर उड़ान वर्जित क्षेत्र होता है।

भूमिगत मेट्रो और राजपथ के इर्दगिर्द के कार्यालयों को अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों के आग्रह पर 72 घंटे पहले ही अपने संरक्षण में ले लिया जायेगा. विभिन्न स्थानों पर स्निपरों को तैनात किया जायेगा जबकि परेड के क्षेत्र एवं वीवीआईपी दीर्घा को भारतीय वायु सेना वायु सुरक्षा प्रदान करेगी।

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति की ओर से आयोजित जलपान :एटहोम: समारोह के लिए अतिथियों की सूची को सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इस बार छोटा किया जा रहा है।

सुरक्षा से जुड़े प्रत्येक अभ्यास में अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे. अमेरिकी और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ओबामा की सुरक्षा का विशेष ख्याल रख रही हैं क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान दो घंटे तक खुले मंच पर रहेंगे. ऐसी संभावना है कि यहां पर बुलेट प्रूफ सुरक्षा ढांचा तैयार किया जाए।

इस बार राजपथ की ओर जाने वाली सडक पहले ही बंद कर दी गई है और इसके करीब स्थित रफी मार्ग, जनपथ, मानसिंह रोड को 26 जनवरी से एक या दो दिन पहले आम लोगों के लिए बंद कर दिया जायेगा।