अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के आज यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका भव्य स्वागत किया। उम्मीद की जा रही है कि ओबामा की भारत की इस दूसरी यात्रा के दौरान दोनों देश असैनिक परमाणु संधि को कार्यरूप देने के मुद्दे को आगे बढ़ाने और व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रों में रिश्ते प्रगाढ़ करने के अलावा रक्षा सहयोग समझौता करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल जब तीन दिन की बहुचर्चित भारत यात्रा पर आज तकरीबन 9 बज कर 50 मिनट पर पालम हवाई अड्डे पर अपने एयर फोर्स वन विमान से उतरे तो प्रोटोकॉल से हटते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी अगवानी की। मोदी और ओबामा ने निजी रिश्तों का इजहार करते हुए एक दूसरे को गले लगाया।

बाद में, ओबामा और मिशेल अमेरिकी राष्ट्रपति की बख्तरबंद लिमोजिन ‘बीस्ट’ से आईटीसी मौर्य होटल रवाना हो गए जहां वे ठहरे हैं। ओबामा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जो कल आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बनेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति असैनिक परमाणु संधि के क्रियान्वयन पर गतिरोध समाप्त करने के तरीकों और रक्षा एवं आर्थिक रिश्ते प्रगाढ़ बनाने समेत अनेक सामरिक मुद्दों पर मोदी के साथ व्यापक चर्चा करेंगे।

दोनों देश ओबामा की यात्रा के नतीजों को ‘‘शानदार’’ बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। दोनों देश व्यापार और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों और जलवायु परिवर्तन के अहम मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे।

राष्ट्रीय राजधानी के इर्दगिर्द एक बहुस्तरीय सुरक्षा कवच बनाया गया है। मध्य दिल्ली को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के तकरीबन 40 हजार कर्मी हर गली हर नुक्कड़ की पहरेदारी कर रहे हैं। 15 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे हर गतिविधि को कैद कर एक केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष को प्रेषित करेंगे।

ओबामा के लिए विशेष रूप से नियुक्त विशेष मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति का अभिवादन करने हवाई अड्डे पर मौजूद थे। यहां अधिकारियों ने ओबामा की यात्रा को ‘‘हाल के काल में भारत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटना में से एक’’ बताया। उन्होंने कहा कि ओबामा और मोदी के बीच जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें रक्षा, सुरक्षा, आतंकवाद निरोध और भारत के विस्तारित पड़ोस के हालात शामिल हैं।

दोनों देश ओबामा के भारत प्रवास के दौरान ‘‘शानदार’’ नतीजों के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि परमाणु करार पर ‘‘प्रगति हुई है’’ और भारत ‘अत्यधिक अहम’ क्षेत्र में अमेरिका के साथ ‘‘प्रभावी रूप से’’ काम करने को लेकर आशावादी है।

गौरतलब है कि भारतीय उत्तरदायित्व कानून किसी तरह की परमाणु दुर्घटना होने की स्थिति में आपूर्तिकर्ता को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराता है जबकि फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने भारत से वैश्विक नियमों का पालन करने को कहा है जिसके तहत प्राथमिक जिम्मेदारी ऑपरेटर की होती है।

चूंकि देश में सभी परमाणु संयंत्रों का संचालन सरकारी कंपनी ‘न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एनपीसीआईएल) करती है, अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने का मतलब होगा कि कोई दुर्घटना होने पर भारत सरकार को क्षतिपूर्ति की अदायगी करनी होगी।

इसी हफ्ते, अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने इस बात को रेखांकित किया था कि दोनों देशों के बीच का द्विपक्षीय कारोबार पिछले दशक में पांच गुना बढ़ कर 100 अरब डालर हो गया है। वर्मा ने कहा, ‘‘हम महसूस करते हैं कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि यह 2020 तक पांच गुना और बढ़ कर 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाए।’’

जलवायु परिवर्तन एक और मुद्दा है जो मोदी और ओबामा के बीच वार्ता में प्रमुखता से उठ सकता है। ओबामा और मोदी दोनों भारत के पड़ोस से संबंधित मुद्दों और साथ ही वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

ओबामा विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का दीदार करने आगरा जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने आगरा की यात्रा रद्द कर दी और सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला के निधन के बाद अब वह नयी दिल्ली से सीधे सऊदी अरब जाएंगे।

इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के निशानेबाज ओबामा की यात्रा वाले मार्गों पर पड़ने वाली ऊंची इमारतों पर तैनात रहेंगे।

मौर्य शेरेटन होटल के सामने हरेभरे क्षेत्र की पूरी तरह से जांच की गई है और पुलिसकर्मियों को अमेरिकी राष्ट्रपति के यहां रहने तक इस क्षेत्र के जंगलों में तैनात किया गया है।

अमेरिकी खुफिया सेवा और केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम विशेष रूप से स्थापित नियंत्रण कक्षों की निगरानी रखेंगी। इन कक्षों को नये लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है।