नोटबंदी के बाद लोगों को परेशानी हो रही है। परेशानी से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से वक्त-वक्त पर अपील करते रहे हैं कि हमें कैशलेस सोसाइटी की तरफ बढ़ना चाहिए। लेकिन यह ना तो इतना आसान है और ना ही उतना सुरक्षित। एनडीटीवी पर रवीश कुमार ने ऑनलाइन बैंकिग के मुद्दे पर अपने शो ‘प्राइमटाइम’ में डिबेट की। उस डिबेट में यह बात निकलकर आई कि ऑनलाइन बैंकिंग के कई खतरे भी हैं। शो में डिबेट के लिए तीन लोग आए हुए थे। उसमें से एक थे साकेत मोदी। वह लुसिडियस नाम की कंपनी के सीईओ हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन चोरी होने के खतरे से आम लोगों के साथ-साथ बैंक भी ग्रसित हैं। उन्होंने बैंकिंग दुनिया के सबसे बड़े बैंक जेपी मोर्गन चैन की बात की। उन्होंने कहा कि वह हर साल 2 हजार करोड़ साइबर सिक्योरिटी पर खर्च करता है। उसके बादजूद वह दो साल पहले हैक हो गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऑनलाइन बैंकिंग के अलावा भी लोगों को खतरा होता है। उन्होंने लोगों को सलाह भी दी कि एक बैंक में सारा पैसा नहीं रखना चाहिए। यानी लोगों को बहुत सारे खाते खुलवाने चाहिए। गौरतलब है कि भारत में फिलहाल 40 करोड़ बैंक खाते हैं। इनमें जनधन खाते भी शामिल हैं। लेकिन करीब 23 प्रतिशत जनधन खाते अभी भी ऐसे हैं जिनमें एक पैसा भी नहीं है।

डिबेट शो में एक सर्वे का भी जिक्र किया गया। उसमें कहा गया कि भारत के 34 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो अपनी सीक्रेट जानकारियां किसी से भी साझा कर लेते हैं। शो में एसोचैम, अन्सर्ट एंड यंग की रिपोर्ट का भी जिक्र था। उसके मुताबिक, पिछले तीन सालों में क्रेडिट, डेबिट कार्ड फ्रॉड छह गुना बढ़ गए हैं।

शो में बांग्लादेश का भी जिक्र किया गया। वहां के सेंट्रल बैंक से 660 करोड़ की ऑनलाइन चोरी हो गई थी। वह अबतक की सबसे बड़ी ऑनलाइन चोरी मानी जाती है। बांग्लादेश का सेंट्रल बैंक अबतक उस पैसे को वापस नहीं ले पाया है।