बेंगलुरू की पुलिस ने ब्रिटिश मीडिया की उस रिपोर्ट की सत्यता का पता लगाने के लिये जांच शुरू कर दी है जिसमें दावा किया गया है कि चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट के ट्विटर अकाउंट संचालन के पीछे जिस व्यक्ति का हाथ है उसका ताल्लुक इसी शहर से है।
शहर के पुलिस आयुक्त एम एन रेड्डी ने कहा, ‘‘हमें इस मामले पर आज सुबह जानकारी मिली। हमनें अपराध शाखा से कहा है कि इस रिपोर्ट की सत्यता का पता लगाए। इसके बाद जो भी कार्रवाई करनी होगी, की जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे आपको एक खबर मिली है उसी तरह मुझे भी मिली है। यह एक रिपोर्ट है। मैं इसकी पुष्टि करता हूं कि इस तरह की रिपोर्ट है। हमने इस सूचना पर संज्ञान लिया है और हमारी अपराध शाखा इसकी सच्चाई जानने और अगर ऐसा है तो यह पता करने के लिए काम कर रही है कि इसमें क्या किए जाने की जरूरत है।’’
ब्रिटेन के ‘चैनल 4’ ने खबर दी है कि आईएस के ट्विटर अकाउंट का संचालन करने वाला व्यक्ति बेंगलूर का है और वह यहीं पर एक बड़े समूह में काम करता है।
चैनल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वह अब तक गुमनाम रहने, अपने मकसद और इस्लामिक स्टेट के दुष्प्रचार युद्ध में अपनी मुख्य भूमिका के बारे में सवालों को टालने में सफल रहा है, लेकिन चैनल 4 न्यूज की पड़ताल में इसका खुलासा हो सकता है कि ट्विटर अकाउंट का संचालन करने वाले व्यक्ति का नाम मेहदी है और वह बेंगलुरू में एक एक्जक्यूटिव है जो एक भारतीय समूह के लिए काम कर रहा है।’’
‘चैनल 4’ ने कहा, ‘‘शमी विटनेस के नाम के तहत उसके ट्वीट को हर महीने 20 लाख बार देखा गया। इससे 17,700 से अधिक फॉलोवरों के साथ शायद वह सबसे प्रभावशाली इस्लामिक स्टेट ट्विटर अकाउंट बन गया है।’’
बेंगलुरू पुलिस ने कहा है कि उसे आज सुबह इस मीडिया रिपोर्ट के बारे में जानकारी मिली। शहर के पुलिस आयुक्त एम एन रेड्डी ने कहा, ‘‘हमें इस मामले पर आज सुबह जानकारी मिली। हमने अपराध शाखा से कहा है कि इस रिपोर्ट की सत्यता का पता लगाए। इसके बाद जो भी कार्रवाई करनी होगी, की जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे आपको एक खबर मिली है उसी तरह मुझे भी मिली है। यह एक रिपोर्ट है। मैं इसकी पुष्टि करता हूं कि इस तरह की रिपोर्ट है। हमने इस सूचना पर संज्ञान लिया है और हमारी अपराध शाखा इसकी सच्चाई जानने और अगर ऐसा है तो यह पता करने के लिए काम कर रही है कि इसमें क्या किए जाने की जरूरत है।’’
उनसे सवाल किया गया कि क्या बेंगलुरू पुलिस ने इस मामले पर एनआईए और आईबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क किया है तो रेड्डी ने कहा, ‘‘हम सभी संपर्क में हैं।’’
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमें अक्सर स्लीपर सेल के बारे में सूचनाएं मिलती हैं, कभी-कभी ये रिपोर्ट सही होती हैं, कभी-कभी गलत साबित हो जाती हैं। परंतु हम इन सभी सूचनाओं को गंभीरता से लेते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने के लिए ऐसी सूचनाओं के तह तक जाते हैं कि क्या यह सूचना सही है या गलत तथा हम इसके आधार पर काम करते हैं।’’
ब्रिटेन के चैनल-4 ने ट्विटर अकाउंट संचालक के हवाले से कहा है कि वह इराक एवं सीरिया में आईएस के साथ किसी जेहादी संगठन में शामिल नहीं हुआ है क्योंकि उसका परिवार उस पर वित्तीय रूप से निर्भर है। इस व्यक्ति ने कहा, ‘‘अगर मुझे सबकुछ छोड़ने और उनके साथ जुड़ने का मौका मिले तो मैं ऐसा कर सकता हूं।’’
‘द शमी विटनेस’ अकाउंट से किए गए ट्वीट में जेहादी दुष्प्रचार की बाते होती थीं तथा इनमें भर्तियों के लिए सूचना और मारे गए लड़ाकों को शहीद बताते हुए संदेश होते थे।
आईएस ने अपना दुष्प्रचार फैलाने और युवकों की भर्ती के लिए सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया है। खबर है कि यह ट्विटर अकाउंट पिछले साल शुरू हुआ और इसके बाद से ही इस पर आईएस के हमले से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट की जा रही थीं। अकाउंट संचालक युद्ध के मोर्चों से भी आईएस के बारे में जानकारी देता रहता था।
उसने कथित तौर पर यह दावा किया कि वह ब्रिटिश जेहादियों के आईएस में शामिल होने के लिए जाने से पहले और वहां पहुंचने के बाद उनके साथ नियमित संपर्क में है।
वह अपने ट्वीट के जरिए आईएस के लड़ाकों को प्रोत्साहित करता रहता था और अमेरिकी सहायताकर्मी पीटर कैसिग का सिर कलम किए जाने का वीडियो पांच बार पोस्ट किया था।