मोदी सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्‍तात्रेय बचपन में प्‍याज बेचा करते थे। मंगलवार को उन्‍होंने बाल श्रम (निषेध) विधेयक में पारिवारिक व्‍यापार के मामले में 14 साल के कम उम्र के बच्‍चों को अपवाद करार दिए जाने को न्‍यायोचित ठहराते हुए इस बात का खुलासा किया। उन्‍होंने बताया कि बचपन में, वह स्‍कूल के बाद प्‍याज बेचने में अपनी मां की मदद किया करते थे।

Child Labour (Prohibition and Regulation) Amendment Bill ध्‍वनिमत से पारित हुआ था। लोकसभा में इसका पारित होन बस एक औपचारिकता भर है। दत्‍तात्रेय के अनुसार, ‘गैर सरकारी संगठनों के दबाव में संशोधन किए गए। मैंने कई संगठनों से इस बिल को लेकर घंटों बात की।’ यह बिल खतरनाक कार्यों में 14 साल से कम और 15-18 वर्ष (किशोर) में रोजगार को प्रतिबंधित करता है, लेकिन अगर बच्‍चा परिवार की मदद करता है तो वह कानूनी रूप से सही है।

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बंडारू दत्‍तात्रेय ने कहा कि उन्‍हें भरोसा है कि इस बिल से बाल श्रम की प्रथा खत्म की जा सकेगी। उन्‍होंने ‘होम बेस्‍ड वर्क’ में बच्चों के काम करने को सही ठहराते हुए कहा कि ऐसी स्थितियों में कोई ‘नियोक्‍ता-कर्मचारी के समीकरण’ नहीं होते हैं।