हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद नेताओं का गुस्सा सामने आने लगा है। रोहतक जिले की महम विधानसभा सीट से चुनाव हारे बलराज कुंडू ने उनके द्वारा लड़कियों के लिए चलाई जा रही मुफ्त बस सेवा को बंद कर दिया है। बलराज कुंडू हरियाणा जनसेवक पार्टी के अध्यक्ष हैं और 2019 में महम विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे लेकिन इस बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है।
बलराज कुंडू ने हार के बाद अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी और इस मीटिंग में समर्थकों की मांग पर उन्होंने यह फैसला लिया है। कुंडू के समर्थकों ने कहा कि मुफ्त बसें चलाए जाने के बावजूद भी उनके नेता को हार मिली है और छात्राओं को स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी ले जाने वाली फ्री बसें बंद की जाएं।
2019 में बड़े अंतर से जीते थे कुंडू
बलराज कुंडू ने 2019 में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता आनंद सिंह दांगी को 12000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे बलराज कुंडू के लिए अच्छे नहीं रहे और वह पूरा जोर लगाने के बाद भी जीत तर्ज नहीं कर सके।
कुंडू को आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी ने 18060 वोटों से हराया है। इस सीट पर तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार राधा अहलावत रहीं। राधा अहलावत ने 29211 वोट हासिल किए जबकि बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व खिलाड़ी दीपक हुड्डा चौथे स्थान पर रहे हैं।
18 बसें चला रहे थे कुंडू
बताना होगा कि बलराज कुंडू समाजसेवा के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने महम के आसपास के गांवों से स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं के लिए 18 बसें चलवाई थी। यहां की छात्राओं को स्कूल-कॉलेज आने-जाने में परेशानी होती थी लेकिन इस फ्री बस सेवा से निश्चित रूप से उन्हें मदद मिल रही थी और आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता था। लेकिन चुनाव में हार मिलते ही बलराज कुंडू ने कहा है कि बसें चलाए जाने के पीछे राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था और वह यह काम समाजसेवा के लिए करते थे लेकिन अपने समर्थकों की मांग पर उन्हें बसें बंद करने का फैसला लेना पड़ रहा है।
बलराज कुंडू ने 2017-18 में लड़कियों के स्कूल-कॉलेज आने-जाने के लिए फ्री बसें शुरू की थी। मौजूदा वक्त में वह 18 बसें चला रहे थे। इन बसों की वजह से छात्राओं को सुरक्षा का भी अहसास रहता था।
बसें बंद हो जाने की वजह से निश्चित रूप से छात्राओं को स्कूल और कॉलेज जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अब उनके सामने हरियाणा रोडवेज की बस, प्राइवेट बस, ऑटो से जाने का ही विकल्प बचा है। इसलिए महम और इसके आसपास के गांवों से रोहतक में स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं को निश्चित रूप से परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
