सरकारी कर्मचारियों की र्इमानदारी की रेटिंग करने से जुड़ा मोदी सरकार का एक सर्कुलर विवादों के केंद्र में आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 फरवरी 2016 की तारीख वाले इस सर्कुलर को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्र‍ेनिंग की ओर से जारी किया गया है। इस सर्कुलर को ज्‍वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अफसरों के पास भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि सीनियर अफसर एक गोपनीय डायरी बनाएं, जिसमें वे सरकारी स्‍टाफ की ईमानदारी के बारे में लिखें। बाद में सालाना अप्रेजल रिपोर्ट में इंटीग्र‍िटी के कॉलम को भरते समय इस डायरी की मदद लें। संदेह से परे, संदेह के घेरे में, बहुत ज्‍यादा संदेह।

अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस डायरी में ऐसी किसी भी घटना का जिक्र करें जिससे उनके नीचे काम करने वाले कर्मचारियों की ईमानदारी पर शक हो। साथ में शक के बिना पर सत्‍यता जानने के लिए की गई जांच का भी उल्‍लेख करें। डायरी में इस बात का भी जिक्र किया जाए कि मामले में विभागीय जांच के आदेश दिए गए या पुलिस को मामला भेजा गया। सर्कुलर मिलने के बाद से अफसरों ने इसकी कानूनी वैधता जांचने के लिए एक्‍सपर्ट्स से विचार विमर्श शुरू कर दिया है। सर्कुलर के मुताबिक, र्इमानदारी मापने के तीन पैमाने पर होंगे।