Pandit Dhirendra Shastri Padyatra: मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम से धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा की शुरुआत हो गई। 29 नवंबर को ओरछा में समाप्त होने वाली इस पदयात्रा का आज दूसरा दिन है। इसी बीच, धीरेंद्र शास्त्री ने मंदिरों और मस्जिदों में राष्ट्रगान बजाने को लेकर बड़ी बात कही है। ऐसा इसलिए ताकि देशभक्तों और देशद्रोहियों की पहचान हो सके। साथ ही, कहा कि बाबर और अकबर के शासनकाल में इन लोगों ने काशी विश्वनाथ मंदिर को मस्जिद घोषित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा बागेश्वर ने अपनी पदयात्रा के दौरान कहा कि चाहे मंदिर हो या मस्जिद राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे यह पता चला जाएगा कि इस मातृभूमि से किसे कितना प्यार है और कौन नफरत करता है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इससे देश द्रोही और देश प्रेमियों के बीच में फर्क भी नजर आ जाएगा।
क्या है इस यात्रा का मकसद?
बाबा बागेश्वर ने इस यात्रा का मकसद भी बताया है। उन्होंने कहा कि वह हिंदुओं को एकजुट करने के लिए यह यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा के माध्यम से वह हिंदुओं के बीच में जातीय भेदभाव, छुआछूत, अगड़े और पिछड़े का फर्क मिटाने का भी काम करेंगे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम इन हिंदुओं को अपने अधिकारों को लडने का अधिकार देना चाहते हैं। हम देश के एकता की बात करना चाहते हैं।
बाबा बागेश्वर ने महाकुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री को लेकर दिया बड़ा बयान
बाबा बागेश्वर ने कहा कि बाबर और अकबर के शासनकाल में इन लोगों ने काशी विश्वनाथ मंदिर को मस्जिद घोषित कर दिया। जहां पर श्रीकृष्ण प्रकट हुए थे वहां पर एक मस्जिद बना दी गई। इतना ही नहीं उन्होंने कई जगहों पर देश में अपना अधिकार जताया है। उन्होंने कहा कि हम राजनीति करना नहीं जानते हैं।
कितने दिनों तक चलेगी यात्रा
अब यात्रा पर गौर करें तो बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा 21 नवंबर से शुरू हुई है और यह 29 नवंबर तक जारी रहेगी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पद यात्रा में देश भर के 20 हजार से ज्यादा लोग शामिल हो रहे हैं। इनमें भारी मात्रा में साधु संत तो जुड़ ही रहे हैं बल्कि अलग-अलग सामाजिक संगठनों के लोग भी जुड़ रहे हैं। इतने सारे लोगों के पदयात्रा में शामिल होने के बाद में पुलिस भी कानून-व्यवस्था का पूरा ख्याल रख रही है। करीब 700 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद हैं।