बाबा आशुतोष महाराज पिछले दो साल से रेफ्रिजरेटेड कमरे में बंद हैं। जालंधर के नूरमहल कस्बे में स्थित आश्रम में 29 जनवरी 2014 को उनके अनुनायियों ने उन्हें इस कमरे में रखा था। महेश कुमार झा के नाम से भी पुकारे जाने वाले बाबा को 28 जनवरी 2014 को डॉक्टर्स ने क्लिनिकली डेड घोषित किया था। लेकिन उनके अनुयायियों ने उन्हें समाधिरत घोषित कर दिया। वे अब भी दावा कर रहे हैं कि बाबा समाधि में हैं और जल्द ही बाहर आएंगे। आश्रम में आने वाले लोगों से डेरा समर्थक पूछताछ करते हैं और अनजान लोगों को वापस भेज दिया जाता है।
बाबा को रेफ्रिजेरेटेड कमरे में रखे जाने के बाद डेरा समर्थकों ने सुरक्षा जांच के लिए कंट्रोल रूम बनाए थे। इसी के जरिए वे आने वाले लोगों पर नजर रखते हैं। बाबा के बारे में अनुयायियों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में कहा था किे बाबा समाधि में हैं। चार डॉक्टर्स द्वारा बाबा को मृत घोषित करने के बाद डेरा ने बाब ा भूतनाथ मंदिर कमिटी से दो मॉर्च्युअ री कमरे बुक कराए थे। इसके बाद बाबा के लिए एक एसी चैंबर भी तैयार किया गया। बाबा के अंतिम संस्कार को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। एक दिसंबर 2014 को सिंगल जज की बैंच ने राज्य सरकार को 15 दिन के अंदर अंतिम संस्कार करने को कहा था। हालांकि 15 दिसंबर को डिवीजन बैंच ने इस पर रोक लगा दी।
डेरा के कर्मचारी स्वामी विशालानंद का कहना है कि, ‘हमें महाराज की समाधि को बचाने का अधिकार है। वे समाधि से बाहर आएंगे। हमने कानून व्यवस्था की कोई परेशानी पैदा नहीं की है।’ कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने हाईकोर्ट में कहा था कि सरकार आशुतोष महाराज के समाधि में होने की मान्यता का सम्मान करने को बाध्य है। ऐसा नहीं करने पर कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। पिछले साल 29 सितंबर को डिवीजन बैंच ने कहा था कि कोर्ट इस तरह के धार्मिक मामलों पर फैसला नहीं कर सकता। उन्होंने डेरा पर ही बाबा के अंतिम संस्कार का फैसला छोड़ा था। इस बारे में डेरा ने कोर्ट में जवाब नहीं दिया है। अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।