केंद्र की मोदी सरकार अपने महत्वाकांक्षी हेल्थ योजना आयुष्मान भारत में कई स्तर पर बदलाव करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें घुटने की रिप्लेसमेंट जैसी प्रमुख सर्जरी की सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ मोतियाबिंद जैसी आम सर्जरी को हटाने का फैसला किया गया। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने गरीबों में सबसे गरीब लोगों के लिए इस योजना में कई अन्य जरूरी कदम उठाने वाली है। इसके लिए आयुष्मान भारत के तहत 1300 मेडिकल पैकेजों की लागत समीक्षा के लिए नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर विनोद पॉल की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार शाम को आयुष्मान भारत के नए संस्करण को अंतिम रूप दिया। समिति में स्वास्थ्य और स्वास्थ्य अनुसंधान एवं आयुष्मान भारत के सचिव भी शामिल थे।
सीमिति के सामने सबसे बड़ी चुनौती सरकार के द्वारा लाभार्थियों के इलाज के लिए दिए जाने वाले रिबंर्समेंट (प्रतिपूर्ति) के तहत हाने वाले मेजिकल पैकेजों को संशोधित करना था। सितंबर 2018 से इस योजना के शुरू होने के दौरान से ही इसकी मांग डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की थी। समिति ने 200 पैकेजों की दरों में वृद्धि करने और आयुष्मान भारत के तहत 63 पैकेजों की लागत को कम करने का निर्णय लिया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की छपी रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताय गया है, जिसमें वह कहता है, “पैकेज में कई गड़बड़िया देखने को मिलीं जैसे कि लेफ्ट ब्रेस्ट सर्जरी और राइट ब्रेस्ट सर्जरी की राशि में 2,000 रुपये का अंतर था। सामान्य सर्जरी पैकेज के तहत की गई सर्जरी की तुलना में कार्डियो-थोरैसिक पैकेज अधिक महंगी थी। इन विसंगतियों को दूर कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत के दायरे से मुक्त मोतियाबिंद सर्जरी को हटाने का निर्णय लिया गया है। ईटी सूत्र के हवाले से बताया है, जिसके मुताबिक “मोतियाबिंद सर्जरी को छोड़ दिया जाएगा। हम इस श्रेणी के तहत धोखाधड़ी और दुरुपयोग की जांच करने में असमर्थ हैं। आयुष्मान लाभार्थियों के बीच यह बहुत लोकप्रिय सर्जरी रही है, लेकिन इसकी जांच करना असंभव है, क्योंकि सरकार आयुष्मान भारत और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के तहत एक ही व्यक्ति की सर्जरी का वित्तपोषण कर रही है। अन्य योजनाओं में लाभार्थियों की जांच के लिए मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म का अभाव है। इसी समय मोतियाबिंद को राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित किया जा सकता है।”