Aurangzeb Row: औरंगजेब को लेकर देश में जमकर सियासत हो रही है। वीएचपी और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने संभाजीनगर में मौजूद मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को तोड़ने की वार्निंग दी है। इसी बीच, अब राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को छत्रपति संभाजीनगर जिले में मौजूद औरंगजेब की कब्र की रक्षा करनी पड़ रही है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी पड़ रही है, जबकि उसका इतिहास उत्पीड़न का रहा है। हालांकि, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि अगर उसकी विरासत का महिमामंडन करने की कोई कोशिश की जाती है तो यह कामयाब नहीं होगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार फडणवीस ने कहा, ‘शिवाजी महाराज के प्रयासों के कारण ही हम आज अपने देवताओं की स्वतंत्र रूप से पूजा करने में सक्षम हैं। उन्होंने स्वराज्य, ईश्वर, हमारे देश और हमारे धर्म के लिए लड़ाई लड़ी।’

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महिमामंडन करना है तो शिवाजी महाराज का- सीएम फडणवीस

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर महिमामंडन करना ही है तो छत्रपति शिवाजी का! क्रूर औरंगजेब के बर्बर विचारों का महिमामंडन या तारीफ करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन विचारों को वहीं कुचल दिया जाएगा।’ इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के सतारा से सांसद उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर में मौजूद मुगल बादशाह की कब्र को हटाने की वकालत की थी। वह छत्रपति शिवाजी महाराज के वशंज भी हैं। उस पर जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा, ‘हम सभी भी यही चाहते हैं, लेकिन आपको इसे कानून के दायरे में करने की जरूरत है, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है। कुछ साल पहले कांग्रेस शासन के दौरान इस स्थल को एएसआई के संरक्षण में रखा गया था।’

कौन था औरंगजेब?

औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा शासक था। उसने 1658 से 1707 तक शासन किया। वह शाहजहां का बेटा था और उसने मुगल साम्राज्य को काफी बड़े पैमाने पर विस्तार दिया। औरंगजेब ने रूढ़िवादी इस्लामी शासन का पालन किया। धार्मिक नीतियों का पालन किया। इसमें गैर-मुसलमानों पर जजिया कर को फिर से लागू करना और कुछ सांस्कृतिक प्रथाओं पर बैन लगाना शामिल था। औरंगजेब के मकबरे पर हो सकता है भीड़ का हमला