नयी दिल्ली। लघु चित्रों से तैयार मुगल दौर की पांडुलिपि, जो अब तक इंग्लैंड के ग्रामीण इलाके में स्थित किले में बंद थी, उसे अब लंदन में होने वाली सोदबी की अगली नीलामी में बिक्री के लिए पेश किया जाएगा।
नीलामी आठ अक्तूबर को होनी है और इसे ‘भारत के साम्राज्यवादी दौर की कला’ का नाम दिया गया है। इसमें भारत की श्वेत-श्याम तस्वीरों के अलबम भी शामिल होंगे।
हाल ही में सोदबी के पश्चिम एशिया और भारत प्रभाग के प्रमुख एवं चेयरमैन एडवार्ड गिब्स ने कहा ‘‘इस बिक्री में शमिल सामग्री बेहतरीन है। ड्यूक आॅफ नार्दंबरलैंड के किले के किसी अलमीरे से एक बहुत पुरानी पांडुलिपि मिली है जिसमें 140 लघुचित्र हैं।’’
गिब्स ने कहा ‘‘यह पांडुलिपि वाकई बेहतरीन है। इसे देखना अंतरंग अनुभव की तरह था क्योंकि यह अपने मूल जिल्द में पूरी तरह सुरक्षित रहा और यह बंद था इसलिए यह रोशनी या कीड़े से बचा रहा। यह पांडुलिपि विद्वानों, इतिहासकारों और नीलामी के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए बेहद दिलचस्प खोज है।’’
सोदबी ने कहा ‘‘दिलचस्प है कि पांडुलिपि में बूढ़े शाहजहां का चित्र है और ऐसा लगता है कि इसे पुस्तक तैयार करने के दौरान शामिल किया गया होगा।’’
इसके अलावा 1850 से 20वीं सदी की शुरूआत के भारत, सीलोन :तत्कालीन श्रीलंका:, बर्मा :म्यांमा: और दक्षिण-पूर्व एशिया के फोटो के 31 अलबम हैं जिनमें 2,000 से अधिक फोटो हैं।
इसके अलवा 19वीं सदी का हीरे, माणिक और पन्ने से तैयार महारानी हार, मुगल एवं राजपूत दरबारों और ब्रिटिश काल के जेवरात, कलाकृतियों की भी नीलामी की जाएगी। यह नीलामी तीन अक्तूबर को शुरू हुए नीलामी कार्यक्रम का हिस्सा है जिसमें भारत के आधुनिक कलाकारों की भी मशहूर कलाकृतियों की नीलामी होगी।