देश के तकरीबन 10 राज्यों में कैश की भारी किल्लत की समस्या सामने आई है। इसके चलते एटीएम में नकदी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में आमलोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अब इस समस्या से निपटने के लिए नोटों की छपाई में तेजी लाने का फैसला किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के देवास में नोटों की छपाई में तेजी लाई जाएगी। वहां अब तीन शिफ्टों में काम किए जाएंगे ताकि नकदी की आपूर्ति को सुचारू किया जा सके। दूसरी तरफ, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नकदी संकट की बात को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बैंकों और बाजार में पर्याप्त मात्रा में कैश हैं, लेकिन नकदी की मांग अचानक बढ़ने के कारण दिक्कत सामने आई है। केंद्रीय मंत्री ने 500 के नोटों की ज्यादा छपाई करने की भी बात कही है। अरुण जेटली ने ट्वीट किया, ‘देश में नोटों की उपलब्धता की समीक्षा की गई है। कुल मिलाकर पर्याप्त मात्रा में करेंसी प्रचलन में हैं। बैंकों के पास भी नकदी उपलब्ध है। कुछ क्षेत्रों में अचानक और अप्रत्याशित तरीके से निकासी के कारण अस्थाई तौर पर यह समस्या सामने आई है, जिससे अविलंब निपटा जा रहा है।’ अरुण जेटली ने बताया कि फिलहाल 1,25,000 करोड़ रुपये की कैश करेंसी मौजूद है। आर्थिक विभाग ने एटीएम में नकदी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की बात कही है।
कुछ राज्यों के पास ज्यादा नकदी: वित्त राज्य मंत्री एसपी. शुक्ला ने कहा, ‘एक समस्या यह है कि कुछ राज्यों के पास कम जबकि कुछ के पास ज्यादा नकदी है। इस समस्या के निदान के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। आने वाले तीन दिनों में इसे दुरुस्त कर लिया जाएगा।’ उच्चाधिकारियों का कहना है कि जिस राज्य में नकदी की किल्लत सामने आ रही है, वहां पड़ोसी राज्यों से कैश मंगाया जा रहा है। बता दें कि 200 के नोटों के लिए देश भर के एटीएम को रिकैलिब्रेट (एटीएम को नए नोटों के अनुकूल बनाना) करने की प्रक्रिया भी चल रही है। इस बीच, मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री ने 2000 के नोटों के कालाबाजारी की बात कही है। हालंकि, एसबीआई के प्रमुख रजनीश कुमार ने इसे खारिज किया है। उन्होंने नकदी में कमी के लिए भौगोलिक वजहों को जिम्मेदार ठहराया है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ सप्ताह से नकदी की समस्या सामने आ रही थी। ऐसे में महाराष्ट्र और कर्नाटक से कैश की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन अब पूर्वी महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात समेत अन्य राज्यों से भी एटीएम में पैसों की किल्लत की समस्या सामने आई है।
Have reviewed the currency situation in the country. Over all there is more than adequate currency in circulation and also available with the Banks. The temporary shortage caused by ‘sudden and unusual increase’ in some areas is being tackled quickly.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 17, 2018
Yes this is a temporary situation which is mainly due to geographical factors. There is one solution for it that a proper cash management system be maintained: Rajnish Kumar Sinha, SBI Chairman to ANI on cash crunch pic.twitter.com/GEDhwb96UU
— ANI (@ANI) April 17, 2018
एफआरडीआई विधेयक और लोन घोटाले से उड़ी अफवाह: केंद्र ने फायनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपोजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) विधेयक, 2017 लाया है। इसके बाद आमलोगों के बीच यह अफवाह फैल गई कि विधेयक के कानून में परिवर्तित होते ही बैंकों में जमा उनका पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा। सरकार इस पर स्पष्टीकरण भी जारी कर चुकी है। वहीं, लोन घोटाला सामने आने के बाद कुछ बैंकों के फेल होने की बात भी लोगों के बीच आम हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके करण नकदी निकासी अचानक से बढ़ गई।

