उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मेडिकल के लिए जाते वक्त सपा के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद सहित पूर्व विधायक अशरफ अहमद को गोलियों से भूनकर मार दिया गया। राजनीति में अतीक अहमद ने लंबा वक्त बिताया था। अतीक अहमद का नाम इलाहाबाद शहर के पश्चिमी हिस्से से उठा और प्रदेश की राजनीति में फैलता चला गया।

अतीक अहमद अपना पहला चुनाव एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 1989 में जीत पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होने लगातार दो बार निर्दलीय के तौर पर यह सीट जीती और उनकी चौथी जीत समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक के रूप में हुई थी।

2004 में अतीक अहमद ने उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट चुनाव जीता था और भारत की संसद पहुंचे थे।

राजनीतिक सफर अच्छा चल रहा है..

अतीक अहमद ने 2013 में आजतक को एक इंटरव्यू दिया था। इस दौरान जब पूछा गया “अगर आप इतने मुकदमों के बाद संसद पहुंचते हैं तो आपका एक पांव संसद और एक जेल में रहेगा”

इसके जवाब में अतीक अहमद ने कहा “देखिए आपका एक पांव संसद और एक जेल में रहेगा तो इसका मतलब यह है कि राजनीतिक सफर अच्छा चल रहा है, अभी आप आउटडेटेड नहीं हुए हैं, एक दिन में 123 मुकदमें कायम किए गए, हाईकोर्ट ने सब हटा दिए, तो जिसके ऊपर ऐसा किया जाए उसका क्या मतलब रह जाता है, सियासत में हैं तो मुकदमे रहेंगे”

जब इंटरव्यू देते हुए खुद को नेल्सन मंडेला से किया था कंपेयर

इस इंटरव्यू के दौरान अतीक अहमद से पूछा गया- “अतीक भाई, अगर आपसे सीधा-सीधा पूछा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि आप विख्यात नहीं, कुख्यात नेता हैं?”

इस सवाल के जवाब में अतीक अहमद ने कहा- “कुख्यात इस सेंस में कि अच्छे पोलिटीशियन हैं, लोग जानते ज़्यादा हैं, जिसका दायरा ज़्यादा बड़ा हो कुख्यात कहलाएगा, अब जिसका दायरा छोटा हो वो सीमित रहेगा”

फिर अतीक से पूछा गया- “आपको समाजवादी पार्टी सांसद बनाना चाहती है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड में आप दुराचारी नंबर 49 A हैं”

इसका जवाब देते हुए अतीक अहमद ने कहा था “अभी एक बहुत बड़े नेता का निधन हो गया है, नेल्सन मंडेला, 27 साल जेल में थे, कभी उन्हे भी मोस्ट वांटेड कहा जाता था, उसके बाद वह देश के सम्मान बन गए”