जम्मू-कश्मीर और झारखंड में दूसरे के चरण में मतदान शांतिपूर्ण रहा। दोनों राज्यों में मंगलवार को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। कश्मीर में प्रथम चरण के चुनाव में हुए रिकार्ड मतदान को दोहराते हुए दूसरे चरण में भी 72 फीसद मतदान हुआ। अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान को 18 सीटों पर मतदाताओं ने फिर से नजरअंदाज कर दिया। चुनाव आयोग के अनुसार रियासी में रिकार्ड 80 प्रतिशत मतदान हुआ। पुंछ और कुपवाड़ा के सीमावर्ती इलाकों में क्रमश: 78 और 68 प्रतिशत मतदान हुआ। उधर झारखंड में 20 विधानसभा सीटों के लिए दूसरे चरण में 65.46 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा समेत कुल 223 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। सत्तर प्रतिशत बूथ संवेदनशील या अतिसंवेदनशील थे जिसे देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षा दस्तों की तैनाती की गई थी।
कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को जोरदार झटका देते हुए उत्साही मतदाता कई मतदान केंद्रों पर अपनी बारी का इंतजार करते हुए लंबी-लंबी कतारों में नजर आए। प्रथम चरण के तहत 15 सीटों पर मतदान 25 नवंबर को हुआ था जिसमें रिकार्ड 71. 28 फीसद वोट पड़े थे। उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के चुनाव का जो ताजा आंकड़ा हमारे पास है उसके मुताबिक 71 फीसदी मतदान हुआ है।
जुत्शी ने कहा कि आज के चुनाव के तहत पांच जिलों में 18 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और समूची प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही। पांच जिलों में से दो घाटी में हैं जबकि तीन जम्मू में हैं। उन्होंने बताया, इस चरण के तहत चुनाव प्रक्रिया में खलल डालने की कोई घटना नहीं हुई। रियासी और उधमपुर जिलों में भारी मतदान हुआ। उप चुनाव आयुक्त ने बताया कि आज का मतदान प्रतिशत 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पड़े 61. 04 फीसद वोट और 2008 के विधानसभा चुनाव के तहत दर्ज किए गए 68. 79 फीसद मतदान से अधिक है।
पांच जिलों में हुए मतदान के तहत रियासी में 80 फीसद, उधमपुर में 76, पुंछ में 75, कुपवाड़ा में 68 और कुलगाम में 60 फीसद से अधिक वोट डाले गए। जुत्शी ने कहा कि मतदान के दौरान मौसम मददगार रहा और कोई बर्फबारी नहीं हुई। चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की संख्या 15. 35 लाख थी। चार मौजूदा विधायक सहित चुनाव मैदान में कुल 175 उम्मीदवार हैं।
पिछले दो दिन आतंकवादियों द्वारा दो सरपंचों पर किए गए हमलों के बाद कुलगाम और कुपवाड़ा जिलों में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इन हमलों एक की मौत हो गई थी। 18 विधानसभा सीटों में उत्तर कश्मीर का कुपवाड़ा जिला सुर्खियों में था क्योंकि अलगाववाद से मुख्यधारा की राजनीति में आए सज्जाद गनी लोन 2009 के लोकसभा चुनाव में असफल रहने के बाद विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
सर्द मौसम और घने कोहरे ने सुबह के समय कुछ इलाकों में व्यवधान डाला। लेकिन दिन चढ़ने के साथ साथ मतदाता वोट डालने के लिए उमड़ने लगे। कई वृद्धों ने भी मतदान किया। 120 साल के बताए जा रहे आलम दीन नाम के एक व्यक्ति ने अपने इलाके के विकास के लिए पुंछ जिले के सलतोरी में मतदान किया। उन्हें उनके परिवार के सदस्य दो किलोमीटर पैदल चलकर मतदान कराने लाए थे। मोहम्मद राशिद तीन अन्य लोगों के साथ नियंत्रण रेखा के पास से अपने नाना मोहम्मद हुसैन को करमारा मतदान केंद्र पर लेकर आए।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा सीमा पार से गोलीबारी के खतरों की परवाह नहीं करते हुए सरपंच मोहम्मद आजम 310 अन्य लोगों के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थित पुंछ जिले के अति संवेदनशील मतदान केंद्र पर पहुंचे। सलतोरी मतदान केंद्र पर सुबह करीब आठ बजे ईवीएम का बटन दबाने वाले कुछ मतदाताओं में आजम भी शामिल हैं।
आजम ने बताया, मेरी सुरक्षा और विकास मेरे लिए और पुंछ में नियंत्रण रेखा पर रहे लोगों के लिए बहुत अहम है। मेरा वोट संघर्ष विराम कायम रहने और विकास के लिए है। जम्मू क्षेत्र में, खासतौर पर पुंछ, जम्मू और सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों ने एक अक्तूबर से भारी गोलीबारी की है, गोले दागे हैं जिसमें 11 लोग मारे गए हैं। 18 सुरक्षाकर्मी सहित करीब 100 लोग घायल हुए हैं।
जुत्शी ने बताया कि राज्य में अब कुल 67. 03 लाख रुपया नकद जब्त किया गया है जबकि 254 लीटर शराब और 700 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। उन्होंने बताया कि राज्य में ‘पेड न्यूज’ के भी पांच मामले दर्ज किए गए हैं।
रांची से मिली खबर के अनुसार, झारखंड में 20 विधानसभा सीटों के लिए दूसरे चरण में 65.46 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। मतदान शांतिपूर्ण रहा। इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा समेत कुल 223 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है, जहां सत्तर प्रतिशत बूथ संवेदनशील या अतिसंवेदनशील थे।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके जाजोरिया ने बताया कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में सोमवार को नक्सली हमले को देखते हुए मतदान के दूसरे चरण में हाई एलर्ट रखने के आदेश दिए गए थे जिसके चलते कहीं भी नक्सली हिंसा की किसी घटना को अंजाम देने में सफल नहीं हो सके।
उन्होंने बताया कि अब तक मिली सूचना के अनुसार सात जिलों में 20 विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण ढंग से 65.46 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ और नक्सली मतदान बहिष्कार करवाने के अपने प्रयास में कहीं भी सफल नहीं हो सके। सर्वाधिक 76 प्रतिशत मत जगन्नाथपुर में हुआ।
उन्होंने बताया कि अभी सभी विधानसभा क्षेत्रों से मतदान के बारे में पूरी सूचना नहीं मिल सकी है और दूरदराज के क्षेत्रों से सूचनाएं धीरे-धीरे प्राप्त हो रही हैं जिससे प्रतिशत और बढ़ने की संभावना है। जाजोरिया ने बताया कि 2009 के विधानसभा चुनावों में हुए 58 प्रतिशत मतदान की तुलना में इस बार द्वितीय चरण में साढ़े सात प्रतिशत मतदान की वृद्धि आयोग के लिए उत्साहवर्धक है और इससे देश का लोकतंत्र और मजबूत होगा।
उन्होंने बताया कि आज जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 76 प्रतिशत और मझगांव में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के खरसांवा विधानसभा क्षेत्र में 71 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
जमशेदपुर पूर्व में 64 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जबकि जमशेदपुर पश्चिम में कुल 65 प्रतिशत मतदान हुआ। इन दोनों सीटों पर शाम पांच बजे तक मतदान हुआ। पुलिस महानिरीक्षक मुरारीलाल मीणा ने बताया कि राज्य की 20 विधानसभा सीटों पर कुल 5014 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ जिनमें 1424 अतिसंवेदनशील और 2048 संवेदनशील घोषित किए गए थे।
जिन सात जिलों में मतदान हुआ, उनमें खूंटी, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम नक्सलग्रस्त हैं। लेकिन यहां नक्सलियों के मतदान बहिष्कार के आह्वान का कोई खास प्रभाव नहीं दिखा। लोगों ने सारंडा के जगलों और खूंटी में भी जमकर अपने मताधिकार का उपयोग किया जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों में लोगों की आस्था की पुन: पुष्टि हुई।
राज्य में कुल 81 सीटों में से 33 सीटों का मतदान कार्य संपन्न हो गया है, जबकि नौ दिसंबर को तीसरे चरण में 17 अन्य सीटों पर मतदान होगा। प्रदेश में कुल 50 सीटों का मतदान पूर्ण हो जाएगा। जाजोरिया ने बताया कि अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार, सरायकेला में 65 प्रतिशत, नक्सल ग्रस्त खूंटी जिले में 60 प्रतिशत, चक्रधरपुर में 65 और तोरपा में भी 60 प्रतिशत मतदान हुआ। उन्होंने बताया कि मझगांव में 72, जगन्नाथपुर में 76, तमाड़ 68, मांडर 63, बहरागोड़ा 73, सरायकेला में 65, मनोहरपुर में 62, सिसई में 63, घाटशिला 67, पोटका 66, जुगसलाई में 69, सिमडेगा में 65, गढ़वा में 74 प्रतिशत, छतरपुर में 60 प्रतिशत और कोलेबिरा में 67 प्रतिशत मतदान हुआ।
सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे के पहले से ही मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थीं जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे। इस बार दूसरे चरण के तहत आने वाले क्षेत्रों में 18 से 19 वर्ष के नए मतदाताओं की संख्या सवा दो लाख से अधिक थी जिनके चलते युवा वर्ग में मतदान के लिए खासा उत्साह देखने को मिला।