पूर्वोत्तर के दो एनडीए शासित राज्यों में आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी हफ्ते की शुरुआत में दोनों राज्यों के पुलिसबलों के बीच हुई झड़प जिसमें छह पुलिसकर्मियों के साथ एक अन्य व्यक्ति की मौत हुई थी, उसे लेकर दोनों राज्य आमने-सामने आ गए हैं। बताया गया है कि मिजोरम पुलिस ने कोलासिब जिले के वैरेंगते नगर के बाहरी हिस्से में हुई इसी हिंसा के मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, राज्य पुलिस के चार वरिष्ठ अधिकारियों और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन एन ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सीमांत नगर के पास मिजोरम और असम पुलिस बल के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सोमवार देर रात को राज्य पुलिस द्वारा वैरेंगते थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि असम पुलिस के 200 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले असम ने शुक्रवार को मिजोरम के कोलासिब जिले के छह अधिकारियों को समन भेजा। इसके अलावा राज्य के इकलौते राज्यसभा सांसद के वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की साजिश में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है। असम पुलिस ने यह भी कहा कि वह सोमवार को सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के वाले वनलालवेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है। इसी के खिलाफ अब मिजोरम ने भी असम के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज होने की बात कही है।
मिजोरम में किन-किन के खिलाफ केस दर्ज?: मिजोरम पुलिस ने वैरंगते पुलिस स्टेशन में जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें सीएम हिमंत बिस्व सरमा के साथ आईजी पुलिस अनुराग अग्रवाल, कोलासिब से जुड़े कछार जिले के डीआईजी देवज्योति मुखर्जी, कछार के जिला कमिश्नर कीर्ति जल्ली, डीएफओ कछार सन्नीदेव चौधरी, एसपी कछार चंद्रकांत निंबलकर और ढोलाई पुलिस स्टेशन अधिकारी साहब उद्दीन के नाम शामिल हैं। इनके खिलाफ हत्या की साजिश के साथ आर्म्स ऐक्ट के तहत मामला दर्ज है। सीएम समेत सभी को 1 अगस्त को पुलिस स्टेशन में हाजिर होने को कहा गया है।
असम ने पहले किया था नोटिस भेजने का ऐलान: उधर असम ने ढोलाई पुलिस स्टेशन में जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, उनमें कोलासिब के डिप्टी कमिशनर एच लालथलंगियाना, एसपी वनलफाका राल्ते, एडिशनल एसपी डेविड जेबी, वैंरगते एसडीओ सी ललरेमपुइया, वैरंगते एसडीपीओ थारतिया ह्रांगचल और इंडियन रिजर्व बटालियन के एडिशनल एसपी ब्रूस किब्बी शामिल रहे। इन्हें दो अगस्त तक ढोलाई पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
पुलिस के सामने पेशी को लेकर भी टकराव: कोलासिब के एसपी राल्ते ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें इस मामले में उन्हें कोई नोटिस नहीं मिली है, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे देखा है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें यह आधिकारिक तौर पर भी मिलता है, तो भी वे असम नहीं जाएंगे। राल्ते ने कहा कि असम के अधिकारी इस तरह का ड्रामा कर रहे हैं। आखिर मैं वहां क्यों जाऊंगा? इसकी कोई जरूरत नहीं है।
उधर असम पुलिस के एक अफसर ने कहा कि कुछ अधिकारी थे, जिनकी झड़प के दिन कोलासिब जिले और उसकी पुलिस की जिम्मेदारी थी। उन्हें बताना होगा कि आखिर उन्होंने हमारे लोगों पर फायरिंग के लिए आदेश कैसे दिया। अगर उन्होंने ऐसा आदेश नहीं दिया, तो उन्हें मामले में गवाह बनना होगा और बताना होगा कि ऐसा किसने किया।