तीन तलाक पर AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब उन्होंने ‘पद्मावती’ फिल्म के बहाने इस पर कानून बनाने की कोशिशों पर हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि दो घंटे की फिल्म के लिए लगातार बात की जाएगी, लेकिन मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण और न्याय से जुड़े मसलों पर जबरन कानून थोपने का काम किया जाता है। तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में डालने वाला विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। असदुद्दीन ओवैसी ने संसद के निचले सदन में बहस के दौरान इसका पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए थे, जिसे मानने से इंकार कर दिया गया था। अब इस विधेयक पर राज्यसभा में बहस होना है।
ओवैसी ने तीन तलाक पर कानून बनाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। AIMIM सांसद ने ट्वीट कर नए सिरे से इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने लिखा, ‘दो घंटे की फिल्म के लिए विभिन्न संगठनों से सलाह मशवरा किया गया। लेकिन, जब मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण और उनके साथ न्याय का मसला आता है तो कोई बात नहीं की जाती है। बहुमत के दम पर कानून का त्रुटिपूर्ण मसौदा तैया कर लिया जाता है जो मौलिक अधिकारों का सरासर उल्लंघन है।’ ट्वीट के साथ ओवैसी ने ‘पद्मावती’ फिल्म का पोस्टर भी शेयर किया है। AIMIM नेता शुरुआत से तीन तलाक पर कानून बनाने और ऐसा करने वालों को अपराध की श्रेणी में डालने का विरोध कर रहे हैं।
ओवैसी की ट्वीट पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कृष्णा ने ट्वीट किया, ‘सर, आप एक फिल्म की मुस्लिम महिला से तुलना कर रहे हैं। आप जैसे लोगों की वजह से ही मुस्लिम महिलाएं पीछे रह गईं।’ एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, ‘मामूली सी बात पर शिक्षित लोग भी कैसे निपट मूर्ख बन जाते हैं।’ वहीं, आसिफ नदीम अंसारी ने ट्वीट किया, ‘आपने अपना काम बेहतरीन तरीके से किया। आपके भाषण को सुनकर बहुत खुशी हुई। मुझे अप पर गर्व है।’ सुरेश देव सहाय ने लिखा, ‘ओवैसी साहब आप हमेशा बांटने की बात क्यों करते हैं? आपको इसमें भी भेदभाव नजर आ रहा है। साहब…थोड़े अच्छे किस्म की सियासत कीजिए।’
