अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने के बाद ज्योति प्रसाद राजखोवा ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल सुसाइड करने से पहले 60 पन्नों के कुछ ‘सीक्रेट नोट्स’ छोड़कर गए थे जो भारतीय राजनीति में ‘भूचाल’ ला सकते हैं। राजखोवा ने कहा कि उन्होंने भी उन नोट्स को नहीं देखा है। कलिखो पुल को जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। उन्हें हटाकर फिर से नबाम टुकी को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया था। इस घटनाक्रम के एक महीने बाद ही पुल अपने घर में मृत पाए गए थे। राजखोवा जिन्होंने सिंतबर में अपना पद छोड़ा है उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया वह पुल की मौत की वजह जानने के लिए सीबीआई जांच चाहते थे। राजखोवा ने कहा, ‘पुल ने अपनी मौत से पहले एक लंबा पत्र लिखा था, वह 60 पन्नों का था। उसे पुल ने ‘मेरे विचार’ नाम दिया था। उसकी चार कॉपियां मिली थी जिन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया था। वह अब भी पुलिस के पास हैं या फिर उन्हें कोर्ट को सौंप दिया गया है यह मैं नहीं जानता।’
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राजखोवा ने बताया कि नोट्स में पुल ने भ्रष्टाचार के ऊपर काफी कुछ लिखा था। राजखोवा के मुताबिक, पुल ने कई राजनेताओं के बारे में लिखा था जिनके पास पहले पैसे नहीं थे लेकिन बाद में वे करोड़पति हो गए थे। राजखोवा ने यह भी कहा कि वह पुलिस के जांच करने के तरीके से खुश नहीं थे। उन्होंने बताया कि केस की जांच में एक सब इंस्पेक्टर को लगा रखा था जबकि मुख्यमंत्री की मौत के केस में एसपी या फिर डीएसपी को लगाया जाना चाहिए था। राजखोवा के बात उठाने के बाद अब के मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने आईजीपी लेवल के ऑफिसर को जांच में लगाया था।
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वहीं इस मामले पर बात करते हुए अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी नित्यानंदन ने कहा, ‘हम लोग जांच की रिपोर्ट को देख रहे हैं। हालांकि, 60 पेजों के नोट्स को अभी नहीं देखा गया है। पुल की डायरी पंचनामा का हिस्सा थी। वह मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई थी।’
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