अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार की बहाली के बाद भी राजनीतिक संकट टला नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अब केंद्र सरकार वहां के गवर्नर ज्योति प्रसाद राजखोवा को पद से हटाने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय के कई जूनियर नेताओं और सीनियर अधिकारियों ने राजखोवा तक यह संदेश पहुंचा दिया है कि उन्हें जल्द की इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके साथ ही उनसे यह भी कहा जा रहा है कि वह इस्तीफा देने की वजहों में लिखें कि वह ‘तबीयत ठीक ना रहने के चलते’ पद छोड़ रहे हैं। लेकिन राजखोवा पद छोड़ने के मूड में नहीं है। दरअसल, गवर्नर पर विवाद की स्थिति अरुणाचल प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति शासन को हटाकर फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने के आदेश के बाद से हो रहा है। विपक्षी पार्टियां संसद (राज्यसभा, लोकसभा) में लगातार अरुणाचल का मुद्दा उठाती रहीं और राजखोवा को वापस बुलाने की मांग करती रहीं। विपक्ष और अब गृह मंत्रालय का भी आरोप है कि राजखोवा ने कांग्रेस की सरकार को ‘सताने’ का काम किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 13 जुलाई को कांग्रेस की सरकार को फिर से बहाल करके राजखोवा के निर्णय को असंवैधानिक करार दिया था। राजखोवा ने पहले राष्ट्रपति शासन लगाया था और फिर नई सरकार बनाने के आदेश दे दिए थे। वह सरकार कांग्रेस के बागी विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर बनाई थी। कांग्रेस के बागी विधायक कलिखो पुल को मुख्यमंत्री बनाया था। जिन्होंने कांग्रेस की फिर से सरकार बनने के आदेश के बाद खुदकुशी कर ली थी।

वहीं अपने बचाव में राजखोवा ने कहा, ‘मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मुझे नहीं पता कि मुझे हटाने की बात क्यों चल रही है। मैंने अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए जो हो सका वह किया। लोग भी मुझ से खुश हैं।’ राजखोवा बीमार चल रहे थे और हाल ही में इलाज करवाकर ईटानगर लौटे हैं।

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