Republic TV चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी और स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच हालिया विवाद में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू भी कूद पड़े हैं। फ्लाइट विवाद में उन्होंने कॉमेडियन का समर्थन किया है। और, कहा है कि उन्हें अर्णब गोस्वामी मिले होते, तब वह टीवी पत्रकार से और भी बुरी तरह से बात करते।

शुक्रवार को पूर्व SC जज ने ट्वीट किया, “कामरा ने कुछ ‘लॉर्ड भौं-भौं’ को फ्लाइट में कहा था, उसके लिए कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने उन्हें बैन कर दिया है। अगर मैं विमान में साथ होता तो मैं और भी बुरा बोलता (अर्णब को), क्योंकि मैं उन्हें पत्रकारिता की दुनिया में कलंक जैसा समझता हूं। देखते हैं कि क्या एयरलाइन कंपनियों में मुझ पर भी प्रतिबंध लगाने का साहस है या नहीं।”

दरअसल, मंगलवार को इंडिगो की मुंबई-लखनऊ फ्लाइट में अर्णब को कामरा ने कथित तौर पर परेशान किया था। अर्णब को कथित तौर पर परेशान करने के मामले में IndiGo और Air India के बाद बुधवार को Spicejet व Go Air ने भी कामरा की विमान यात्रा पर रोक लगा दी।

कामरा के खिलाफ कार्रवाई करने वाली स्पाइसजेट और गोएयर तीसरी तथा चौथी एअरलाइन हैं। इंडिगो ने कामरा पर छह माह की रोक लगाई है। वहीं, एअर इंडिया ने अगले नोटिस तक उनकी विमान यात्रा पर रोक लगाई है।

एयर एशिया इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, एयरलाइन की आंतरिक समिति मामले की समीक्षा कर रही है और वह उचित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करेगी। कुछ ऐसा ही बयान विस्तारा की ओर से भी जारी किया, जिसमें कहा गया वह ‘‘समीक्षा करेगी और ऐसे मामलों में उचित प्रक्रिया का पालन करेगी।’’

देखें, क्या हुआ था अर्णब के साथ फ्लाइट यात्रा के दौरानः

हालांकि, चार एयरलाइनों द्वारा कामरा पर बैन के बाद विमानन नियामक DGCA ने बुधवार को कहा कि विमान कंपनियों की कार्रवाई पूरी तरह से नियमों के अनुरूप है। इसी बीच, उसी विमान के कैप्टन रोहित मातेती ने बताया कि कामरा पर छह महीने की रोक से पहले उनसे परामर्श नहीं लिया गया था। यह घटना किसी भी सूरत में दर्ज करने लायक नहीं थी।

कामरा ने इसी बाबत मातेती की प्रशंसा की है। कॉमेडियन ने ट्वीट कर कहा, “कप्तान रोहित मातेती को मेरा सलाम।” इंडिगो प्रबंधन को गुरुवार को पत्र लिखकर मातेती ने कहा था कि उन्हें यह जानकर दुख हुआ कि कामरा को विशुद्ध रूप से सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विमान यात्रा से रोक दिया गया है और यह कि उनका व्यवहार ‘अरूचिकर’ था लेकिन ऐसी कार्रवाई के लायक भी नहीं था।