करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल के लिए’ को बिना किसी विरोध के रिलीज होने देने के बदले आर्मी वेलफेयर फंड में 5 करोड़ रुपए देने की शर्त रखी गई थी। हालांकि आर्मी की ओर से इस पैसे को ना लेने की बात कही गई है। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस अकाउंट में करण जौहर को 5 करोड़ रुपए जमा कराने के लिए कहा गया है, उसमें दो महीने में 1.5 करोड़ रुपए भी नहीं आए।
सरकारी सूत्रों की मानें तो आर्मी के इस वेलफेयर फंड अकाउंट को अगस्त माह के मध्य में शुरू किया गया था और पिछले हफ्ते तक पूरे देशभर से इसमें 1.4 करोड़ की धनराशि ही जमा हो पाई है। “आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअलटीज” नाम के इस फंड को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के निर्देश पर शुरू किया गया था। रक्षा मंत्री का कहना था कि बहुत सारी संस्थाओं और लोगों ने सरहद पर शहीद हुए जवानों के परिवार की मदद करने की इच्छा जताई थी, जिसके लिए इस फंड को शुरू किया गया। आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअलटीज में कोई भी संस्था या व्यक्ति अपना दान दे सकता है, हालांकि इसका प्रबंधन आर्मी ही देखती है। फंड में मिलने वाला पैसा शहीदों के परिवार को सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अलग होता है।
शनिवार को यह फंड उस समय चर्चाओं में आया जब एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों को अपनी फिल्म में लेने वाले फिल्ममेकर्स को पेनल्टी के रूप में पांच करोड़ रुपए देने होंगे। यह पैसा आर्मी वेलफेयर फंड में जाएगा। अपनी फिल्म में पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को लेने की वजह से करण जौहर को भी ऐसा करना था। हालांकि अगले ही दिन आर्मी ने इसपर नाराजगी जाहिर की। आर्मी अफसरों ने कहा है- ‘सेना को राजनीति में न घसीटा जाए, हम स्वेच्छा से दिया गया फंड ही लेते हैं, न कि इस तरह की जबरदस्ती से।”
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पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इस बारे में पांच ट्वीट किए। बहादुर ने लिखा, ”मैंने 40 साल तक यूनिफॉर्म में देश की सेवा की है और मैं कभी जबरदस्ती छीने गए पैसों पर नहीं जिया। मेरे देश में क्या हो रहा है? सुरक्षाबलों को जोर जबरदस्ती का हिस्सा क्यों बनाया जाए? इस पैसे को स्वीकार कर वे काली कमाई लेने वाले बन जाएंगे।” तीसरे ट्वीट में लिखा, ”भारतीय सुरक्षाबलों को राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए बैशाखी नहीं बनाया जा सकता और नहीं बनना चाहिए। दुर्भाग्य की बात है कि हाल के दिनों में यह ट्रेंड दिखा है। इससे दूर रहिए। क्या राज ठाकरे सरकार है या …? यह साफ होना चाहिए। जैसा कि शेखर गुप्ता ने ट्वीट किया कि यह संवैधानिक कमी है।”
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I served four decades in uniform- and never did I live on extorted money. What's this happening in my country???? @PMOIndia @manoharparrikar https://t.co/tB2wj4Kxqw
— Manmohan Bahadur (@BahadurManmohan) October 22, 2016
Why should the Armed Forces be made a part of this extortion? By accepting this money they would become a 'receiver' of tainted money @adgpi https://t.co/tB2wj4Kxqw
— Manmohan Bahadur (@BahadurManmohan) October 22, 2016
Indian Armed Forces cannot, and SHUD NOT, become crutches 4pol ambitions. Unfortunately, this is the trend seen in recent past. Stay away pl https://t.co/BBkujRETja
— Manmohan Bahadur (@BahadurManmohan) October 22, 2016
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Is Raj Thackeray the Government or a …..? Lets b clear. As @ShekharGupta has twted, its constitutional breakdown- taking a Mr Nobody's ok https://t.co/KzANTwIFVM
— Manmohan Bahadur (@BahadurManmohan) October 22, 2016

