केंटरबरी के आर्कबिशप रेवरेंड जस्टिन वेल्बी ने मंगलवार (10 सितंबर) को अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ब्रिटिश कॉलोनियल काल में हुए हजारों लोगों के नरसंहार पर दुख जताया। साथ ही, कहा कि इस घटना पर शर्मसार हूं। बता दें कि जलियांवाला बाग का नरसंहार अप्रैल 1919 में बैसाखी के दिन हुआ था। उस दौरान कर्नल डायर के निर्देश पर ब्रिटिश भारतीय सेना ने देश की आजादी के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चला दी थीं।
बता दें कि वेल्बी इस वक्त भारत दौरे पर हैं और मंगलवार को वह अमृतसर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ब्रिटिश सरकार के बारे में कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मैं ईसामसीह के नाम पर बोल सकता हूं। यह स्थान पाप की याद दिलाता है, क्योंकि जो उन्होंने किया, उसके लिए उनका नाम आप हमेशा याद रखोगे।’’
वेल्बी ने कहा, ‘‘यहां जो गुनाह किया गया उसके लिए मैं शर्मिंदा हूं और शोक जताता हूं। मैं एक धार्मिक नेता हूं, न कि राजनेता। बतौर धार्मिक नेता यहां हुई त्रासदी पर मैं शोक जताता हूं।’’ इस दौरान आर्कबिशप ने अपराध की क्षमा मांगने के लिए प्रार्थना की। साथ ही, वह जलियांवाला बाग में शहीद हुए लोगों के सम्मान मेमोरियल के फर्श पर दंडवत हो गए।
इस दौरान आर्कबिशप ने विजिटर बुक में भी अपने विचार दर्ज किए। उन्होंने लिखा, ‘‘सैकड़ों साल पहले इस जगह पर हुई घटना को देखकर शर्म आती है। मैं इस घटना में मारे गए लोगों व उनके परिजनों के लिए प्रार्थना करता हूं। मैं यह प्रार्थना इसलिए कर रहा हूं, ताकि हम इतिहास से सीख सकें।’’
आर्कबिशप से नरसंहार पर माफी मांगने के बाद ब्रिटिश सरकार के रुख को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो महसूस किया, उसके बारे में काफी सोचा। मुझे लगता है कि इसके बारे में इंग्लैंड में भी प्रचारित किया जाएगा।’’
वेल्बी ने अपने विचार ट्विटर पर भी साझा किए। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे आज अमृतसर में हुए भयावह जलियांवालाबाग हत्याकांड के स्थल पर जाकर दुख और शर्म का एहसास हुआ। 1919 में ब्रिटिश सेना ने हजारों सिखों, हिंदुओं, मुस्लिमों व इसाइयों का कत्ल कर दिया था।’’
