उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हो गया है। बिजनौर में दूसरे धर्म वाली युवती के साथ चलने के बाद एक शख्स पर इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। दरअसल एक बर्थडे पार्टी के बाद वह युवती के साथ वापस आ रहा था। उसके खिलाफ धर्मांतरण विरोधी कानून, एससी/एसटी ऐक्ट औऱ POCSO ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया गया कि युवती की उम्र 16 साल थी।

युवती ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मैंने मैजिस्ट्रेट को बताया कि उन लोगों को दोस्त के साथ चलने से भी दिक्कत है। यही मैं दोबारा कहूंगी। उन्होंने मेरा वीडियो बना लिया और इसे लव जिहाद कह रहे हैं। मैं अपनी इच्छा से गई थी। मुझपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था।’

दरअसल 14 दिसंबर की रात करीब 10:30 बजे एक दलित युवती, अपने पुराने मुस्लिम क्लासमेट के साथ बर्थडे पार्टी के बाद घर वापस आ रही थी। रास्ते में एक ग्रुप ने उनका पीछा किया और डंडे से लड़के की पिटाई की। जब पता चला कि लड़का दूसरे धर्म का है तो वे उसे लेकर पुलिस स्टेशन चले गए।

कहा जा रहा है कि युवती के पिता के कहने पर यह एफआईआर लिखी गई है। पिता ने शिकायत की थी कि शख्स उनकी बेटी को भगा ले जाना चाहता है और शादी करना चाहता है। हालांकि लड़की के पिता ने भी किसी तरह की शिकायत कराने की बात से इनकार कर दिया है। उनका कहा है, मैं अपनी बेटी पर यकीन करता हूं। उसने गलत क्या किया है? उसे राजनीति का मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है? क्या एक लड़का और लड़की का साथ चलना गैरकानूनी है?

लड़का इस समय बिजनौर जेल में है। धामपुर के स्टेशन हाउस ऑफिसर अरुण कुमार ने कहा, ‘आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में है। अगर वह नाबालिग है तो उसे साबित करने के लिए दस्तावेज देने पड़ेंगे। हमने लड़की से पूछने के बाद और पिता की शिकायत पर ही ऐक्शन लिया है।’

लड़की के पिता ने स्थानीय प्रधान पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘ये सब राजनीति है। उन्होंने गलत तरीके से मेरी बेटी का वीडियो बनाया और कहा कि लव जिहाद हो रहा है। मैं पहले प्रधान था और इस बार भी चुनाव लड़ना चाहता हूं। वे मेरी बेटी को बदनाम करके चुनाव जीतना चाहते हैं।’ हालांकि प्रधान ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, वह हारा हुआ प्रधान है। मैंने उसकी मदद की है।