भारतीय और चीनी सेना के बीच लद्दाख के गलवान रिवर फ्रंट पर हुई खूनी झड़प में दोनों तरफ से सैनिक मारे गए हैं। जहां भारतीय सेना ने अब तक अपने 20 सैनिकों की शहादत की बात कबूली है, वहीं चीन के भी 43 सैनिक मारे जाने की खबर है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने मंगलवार को इंटरसेप्ट्स के हवाले से यह दावा किया था। हालांकि, इस बीच एक बुरी खबर यह है कि दोनों सेनाओं के बीच हुई मुठभेड़ में भारत के 4 अन्य जवान भी घायल हुए। न्यूज एजेंसी के सूत्रों ने ही इसकी भी जानकारी दी है।

इससे पहले चीन की मीडिया रिपोर्ट्स और कुछ पत्रकारों के बयान के बाद यह साफ हो गया कि मुठभेड़ में चीन के भी जवानों की मौत हुई है। कुछ अन्य हताहत भी हुए हैं। हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय और मीडिया में इस खबर को पूरी तरह सेंसर कर दिया गया है। चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के पत्रकार ने चीनी सैनिकों की मौत के आंकड़े न बताना चीन की अच्छाई बताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत को युद्ध की धमकी भी दे डाली। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए अब संयुक्त राष्ट्र ने इस पर बयान दिया है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता एरि कनेको ने एलएसी पर भारत और चीन के बीच हुई हिंसा और जवानों की मौतों की रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यूएन दोनों देशों के टकराव को लेकर चिंतित है और दोनों पक्षों से ज्यादा से ज्यादा सयंम बरतें। हम इस बारे में सकारात्मक हैं कि दोनों देश स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

चीन के सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ मुठभेड़ के बाद भारत में हर तरफ चीनी उत्पादों का विरोध शुरू हो गया है। ट्विटर पर भी #TeachChinaLesson ट्रेंड कर रहा है। लोगों ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी और गुजरात में शी जिनपिंग के पुतले जलाकर चीन मुर्दाबाद के नारे लगाए। एनजीओ विशाल भारत संस्थान ने चीनी झंडे के साथ चीनी राष्ट्रपति का पुतला जलाया। साथ ही धोखेबाज चीन मुर्दाबाद के पोस्टर लहराए।