ओडिशा की बीजेपी सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बेहद सख्त कदम उठाने जा रही है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न पब्लिक एग्जाम में अनियमितताओं के आरोपों के बीच ओडिशा सरकार नया एंटी चीटिंग बिल लेकर आ रही है। इस बिल में एग्जाम में चीटिंग को संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य अपराध बनाना, पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने के कड़े प्रावधान हैं।
ओडिशा पब्लिक एग्जाम (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 नाम वाला यह ड्राफ्ट नवंबर 26 से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के अगले सत्र में पास होने की उम्मीद है। चीफ सेक्रेटरी मनोज आहूजा के अनुसार, इस बिल का मकसद “विभिन्न प्रकार के गलत साधनों जैसे गलत पहचान, चीटिंग, एग्जाम प्रक्रिया को बाधित करना, निर्धारित समय से पहले एग्जाम से संबंधित जानकारी का लीक होना, एग्जाम हॉल में अनधिकृत एंट्री आदि और पब्लिक एग्जाम की इंटीग्रिटी को बनाए रखना” है।
कैबिनेट मीटिंग के बाद मनोज आहूजा ने कहा कि अनुचित साधनों और अपराधों का सहारा लेने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को तीन से पांच साल तक के कारावास और दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल एग्जाम के दौरान अनुचित व्यवहार को रोकने के लिए कोई स्पेसिफिक दंडात्मक प्रावधान नहीं है। पुलिस पहले IPC के प्रावधानों के तहत अपराधियों पर मामला दर्ज करती थी। अब जुलाई से भारतीय न्याय संहिता के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं। IPC के तहत नकल पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है जबकि BNS में यह तीन साल है।
किन एग्जाम पर लागू होगा ये बिल
एक बार कानून बनने के बाद इसके दायरे में ओडिशा लोक सेवा आयोग, ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग, ओडिशा अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग और सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। यह कानून ओडिशा पुलिस चयन बोर्ड, ओडिशा शिक्षा (राज्य के लिए चयन बोर्ड) नियम, 1992 के तहत गठित राज्य चयन बोर्ड द्वारा आयोजित भर्तियों के साथ-साथ राज्य सरकार और उनके अधीनस्थ कार्यालयों के लिए भर्ती परीक्षाओं पर भी लागू होगा। यहां पढ़िए पूरी खबर