साल 1984 में 6 जून को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेना ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’। क्या है यह ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’? और ऑपरेशन खत्म होने के बाद क्या थी तत्तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पहली प्रतक्रिया यह जानने के लिए हमें इतिहास के पन्नों को थोड़ा पलटना होगा। बात उन दिनों की है जब देश की बागडोर ‘आयरन लेडी’ यानी इंदिरा गांधी के हाथों में थी। सन् 1981 से ही उग्रवादी भिंडारवाला पवित्र स्वर्ण मंदिर के आसपास अपने हथियारबंद साथियों के साथ जम चुका था। सिखों के एक उग्र विद्रोही गुट का नेतृत्व कर रहे भिंडारवाले के साथियों ने 1984 तक 100 से ज्यादा आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान ले ली थी।

यहां तक की स्वर्ण मंदिर में ही डीआईजी ए.एस. अटवाल की हत्या भी हो गई थी। उस वक्त पूरा अमृतसर सुलग रहा था और प्रधानमंत्री इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान चाहती थीं। इस समस्या को लेकर सेनाध्यक्ष जनरल अरुण कुमार वैद्य और इंदिरा गांधी के निजी सचिव आर.के.धवन के बीच अहम मीटिंग हुई। कहा जाता है कि जनरल वैद्य ने उस वक्त इंदिरा गांधी को भरोसा दिलाया था कि सेना द्वारा ऑपरेशन चलाकर भिंडारवाला को काबू कर लिया जाएगा और इस ऑपरेशन में किसी की मौत नहीं होगी।

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर।

हालांकि इंदिरा गांधी के बारे में कहा जाता है कि वो कोई भी फैसला पूरी तरह से सोच समझ कर ही लेती थीं। उग्रवादियों को काबू करने के लिए इंदिरा गांधी ने 1984 में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को मंजूरी दी। सेना ने तीन दिनों तक स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे हथियारबंद उग्रवादियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ चलाया और फिर वो हुआ जिसका अंदाजा शायद तत्तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी नहीं था।

अलगाववादियों का नेतृत्व जरनैल सिंह भिंडरावाला कर रहा था। फोटो सोर्स – (EXPRESS ARCHIVE)

जब इंदिरा गांधी ने कहा ‘हे भगवान’ : दरअसल स्वर्ण मंदिर में छिपे उग्रवादियों के पास इतनी बड़ी मात्रा में हथियार होने का अंदाजा शायद सेना को भी नहीं था। इस ऑपरेशन के दौरान दोनों ही तरफ से घनघोर गोलीबारी हुई। सेना ने अपनी टैंकों का भी इस्तेमाल किया। जब गोलियों की तड़तड़हाट रुकी तो मालूम चला कि इस ऑपरेशन में 492 लोग और करीब 82 सैनिक मारे गए हैं। कहा जाता है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के खत्म होने की जानकारी सबसे पहले सचिव आर. के. धवन ने ही इंदिरा गांधी को दी थी। खबर सुनते ही इंदिरा गांधी ने कहा – ‘हे भगवान, इन लोगों ने तो मुझे बताया था कि कोई हताहत नहीं होगा.’।

भारतीय सेना ने टैंक, हेलिकॉप्‍टर्स और युद्ध के अन्‍य हथियारों का इस्‍तेमाल इस ऑपरेशन में किया। (EXPRESS ARCHIVE)

इंदिरा गांधी के मुंह से निकले यह शब्द यह बताते हैं कि इस ऑपरेशन में कितने बड़े पैमाने पर विनाशलीला मचाई थी। बहरहाल ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद देश भर में सिखों के अंदर रोष भर गया। इसकी कीमत खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी जान देकर चुकाई। इसके जवाब में गुस्साई भीड़ ने करीब 8000 सिखों को मौत की नींद सुला दिया। ऑपरेशन ब्लू स्टार को देश में हुए बड़ी खूनी लड़ाईयों की लिस्ट में शुमार किया जाता है। हर साल कुछ संगठन इसकी बरसी मनाते हैं।

इस ऑपरेशन में उग्रवादियों का नेता जरनैल सिंह भिंडरावाला मारा गया। भारतीय सेना के कई जवान भी ऑपरेशन ब्‍लूस्‍टार में शहीद हुए थे। (EXPRESS ARCHIVE)