Waqf Board Controversy: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश भर में चल रहे हंगामे के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है। नायडू सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि जल्द ही नया वक्फ बोर्ड बनाया जाएगा। आंध्र प्रदेश में टीडीपी, पवन कल्याण की जनसेना और बीजेपी का गठबंधन सत्ता में है।

टीडीपी सरकार ने कहा है कि वक्फ बोर्ड मार्च 2023 से ही काम नहीं कर रहा है और इसमें सुन्नी और शिया समुदाय के सदस्यों और पूर्व सांसदों का प्रतिनिधित्व नहीं है, इस वजह से वक्फ बोर्ड का कामकाज धीमा हो गया है। टीडीपी सरकार ने पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार द्वारा गठित किए गए राज्य वक्फ बोर्ड की ओर से जारी किए गए आदेशों को भी वापस ले लिया है।

राज्य सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब कई राज्यों के वक्फ बोर्ड अतिक्रमण और जमीनों को लेकर किए गए दावों के आरोपों का सामना कर रहे हैं और इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है।

Waqf Bill: वक्फ विधेयक को लेकर इस पार्टी ने बदल दिया अपना स्टैंड, मुस्लिम वोटों के बीच मजबूत करना चाहती है आधार

वक्फ विधेयक को लेकर सड़क से संसद तक हो चुका है घमासान। (Source-PTI)

वक्फ संशोधन विधेयक पर हंगामा

केंद्र सरकार ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था और कहा था कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के काम को बेहतर करना और वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुनिश्चित करना है। विपक्षी दलों के द्वारा जोरदार विरोध किए जाने के बाद इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था। विपक्षी दलों के साथ ही कई मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक का खुलकर विरोध किया है। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।

टीडीपी के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने पिछले महीने कहा था कि हमें वक्फ संशोधन विधेयक को नाकामयाब करने के लिए आगे बढ़ना है।

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वाईएसआर कांग्रेस ने बदला स्टैंड

वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर देशभर में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच आंध्र प्रदेश में विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस ने अपना स्टैंड बदल दिया है। वाईएसआर कांग्रेस की कोशिश वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करके मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की है। 2011 की जनगणना के मुताबिक आंध्र प्रदेश में मुस्लिम समुदाय की आबादी 9.56% है।

हैरानी की बात यह है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब यह विधेयक संसद में लाया गया था तब वाईएसआर कांग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया था। लेकिन अब वह इसके विरोध में उतर आई है।

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